Mineral Water है बेहद खतरनाक, FSSAI के अनुसार पैकेज्ड पानी उच्च जोखिम वाला उत्पाद
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Mineral Water है बेहद खतरनाक: हम जब भी बाहर घूमने या रेस्टोरेंट पर जाते हैं तो अक्सर बोतल वाला पानी या मिनरल वाटर लेना पसंद करते हैं। हमको लगता है कि यह कफी प्योर होता है। अब इसको लेकर एक बड़ी बात सामने आई है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने बोतल वाले पानी यानी मिनरल वाटर के नाम पर बिकने वाले को उच्च जोखिम वाली खाद्य श्रेणी कैटेगरी में रखा है। इसका मतलब है कि मिनरल वाटर के नाम पर जो पानी बिक रहा है वो हमारे सेहत के लिए काफी हानिकारक है।
Mineral Water है बेहद खतरनाक
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FSSAI द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार कई उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणन के भीतर नहीं होता है। ‘पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर’ भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मापदंड के भीतर नहीं आता है। इस वजह से इसे ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों’ में शामिल किया गया है। इसके बाद एफएसएसएआई ने फैसला लिया है कि मिनरल वाटर का निरीक्षण थर्ड पार्टी के ऑडिट पैरामीटर के अधीन होगा। इसके अलावा FSSAI ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर को लेकर रेगुलेर ने रिस्क बेस इंस्पेक्शन पॉलिसी मे बदलाव किया है।
FSSAI की रिपोर्ट के बाद अब पैकेज्ड और मिनिरल वॉटर निर्माताओं की मुश्किल बढ़ गई है। दरअसल, उन्हें अब रिस्क बेस इंस्पेक्शन से गुजरना होगा जो हर साल होगा। FSSAI ने नवंबर के अंत में एक आदेश जारी किया था कि जो खाद्य उत्पाद बीआईएस प्रमाणन से हट गए हैं उन्हें लाइेसेंस या रजिस्ट्रेशन के लिए हर साल निरीक्षण करवाना होगा।
इसके अलावा जिन प्रोडक्ट को उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों में रखा गया है उन्हें एनुअल ऑडिट करवाना होगा। यह थर्ड पार्टी ऑडिटिंग एजेंसी से आसानी से हो जाएगा। दरअसल, यह फैसला उत्पादों की गुणवत्ता को मापने और उसमें सुधार लाने के लिए लिया गया है। FSSAI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ड्रिंकिंग वॉटर इंडस्ट्री ने सरकार से मांग की थी कि वह नियमों को सरल बनाएं। दरअसल, वर्तमान में ड्रिंकिंग वॉटर इंडस्ट्री को भारतीय मानक ब्यूरो BIS और FSSAI से प्रमाण लेना होता है।