नक्सलियों की चेतावनी: फॉरेस्ट गार्ड व पटवारियों पर लगाए गंभीर आरोप, डर का माहौल

Naxal news: छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर सीमावर्ती कोण्टा क्षेत्र में माओवादियों ने एक बार फिर पोस्टर जारी कर सरकार और प्रशासन को चुनौती दी है। पोस्टरों में फॉरेस्ट गार्डों और पटवारियों पर आदिवासियों से जबरन वसूली, जंगलों की अवैध कटाई और ग्राम सभा की अनुमति के बिना कार्य करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। माओवादियों ने जन प्रतिरोध तेज करने का आह्वान करते हुए चेतावनी दी है। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है और सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।
सुकमा और बीजापुर जिलों के सीमावर्ती कोण्टा क्षेत्र में माओवादियों ने हाल ही में जारी किए गए पोस्टरों के जरिए राज्य प्रशासन पर निशाना साधा है। इन पोस्टरों में स्थानीय फॉरेस्ट गार्डों और पटवारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
माओवादियों ने आरोप लगाया है कि ये अधिकारी आदिवासी ग्रामीणों से जबरन वसूली कर रहे हैं, जंगलों की कटाई करवा रहे हैं और बिना ग्राम सभा की अनुमति के विकास कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। साथ ही माओवादियों ने यह भी दावा किया है कि पुलिस कैंपों और सड़कों के निर्माण के बाद क्षेत्र में अत्याचारों की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा है कि अब ग्रामीणों से दंड स्वरूप शराब, मुर्गा और बकरी जैसी चीजें मांगी जाती हैं, जो आदिवासी जीवनशैली पर सीधा हमला है।
पोस्टर में जन प्रतिरोध तेज करने का खुला आह्वान किया गया है। यह माओवादी रणनीति आदिवासियों को प्रशासन और पुलिस के खिलाफ भड़काने का एक प्रयास माना जा रहा है। इस चेतावनी के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। सुरक्षाबलों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
कई फॉरेस्ट गार्डों और राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने इस मामले को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि माओवादियों की इस धमकी के बाद क्षेत्र में कार्य करना मुश्किल हो गया है। जानकारी के अनुसार, कर्मचारी जल्द ही कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा की मांग करेंगे।
यह घटनाक्रम एक बार फिर यह स्पष्ट करता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सोच और सतर्क रणनीति की आवश्यकता है।