बस्तर के बीजापुर में नयी सुबह: नक्सल गढ़ कुटरू के बंदेपारा में पहुंचा मोबाइल नेटवर्क, ग्रामीणों में खुशी की लहर

बीजापुर 1 जून 2025। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की तस्वीर अब बदल रही है। कभी जो इलाका नक्सल हिंसा और भय का पर्याय माना जाता था, आज वहां विकास की किरणें रोशनी फैला रही हैं। बीजापुर जिले का कुटरू क्षेत्र, जिसे कभी नक्सलियों का गढ़ कहा जाता था, अब विकास के नए अध्याय लिख रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे समर्पित प्रयासों के चलते अब बंदूक की जगह मोबाइल फोन की ट्यून सुनाई देने लगी है।

इसी क्रम में बीजापुर जिले के थाना कुटरू अंतर्गत ग्राम बंदेपारा में 31 मई 2025 को जियो कंपनी का मोबाइल टावर शुरू किया गया है। यह पहल छत्तीसगढ़ शासन की “नियद नेल्ला नार” योजना तथा केंद्र सरकार की “यूएसओएफ (Universal Service Obligation Fund)” योजना के तहत की गई है। इस मोबाइल टॉवर की स्थापना से न केवल बंदेपारा, बल्कि अम्बेली, आकलंका, पाताकुटरू, उसकापटनम सहित कई दूरस्थ गांवों के लोगों को पहली बार मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा मिली है।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, अब तक वे संचार के लिए जंगल के ऊंचे हिस्सों में जाकर नेटवर्क खोजने को मजबूर थे। पर अब अपने ही गांव में मोबाइल नेटवर्क मिलने से वे बेहद प्रसन्न हैं। इससे न केवल पारिवारिक संपर्क सुलभ हुआ है, बल्कि सरकारी योजनाओं की जानकारी, बैंकिंग, ऑनलाइन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक भी उनकी पहुंच आसान हो गई है।

विशेष रूप से, छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को इसका बड़ा लाभ मिल रहा है। इंटरनेट की उपलब्धता से अब वे ऑनलाइन कोचिंग, स्टडी मटेरियल और आवेदन प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग ले पा रहे हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक संचार, आपातकालीन सेवाएं और डिजिटल लेन-देन जैसे कार्य भी सहज हो सकेंगे।

बंदेपारा में मोबाइल टावर की स्थापना एक प्रतीक है – उस सकारात्मक बदलाव का जो अब बस्तर में आकार ले रहा है। सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और ग्रामीणों के सहयोग से अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के हर कोने में विकास की रोशनी पहुंचेगी और अतीत की हिंसा केवल इतिहास का हिस्सा बनकर रह जाएगी।

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