“खाता न बही, जो बीईओ कहे वही सही”…जारी सूची से कई नाम कटे व नए नाम जुड़े-रातोंरात क्या हुआ? साझा मंच युक्तियुक्तकरण की धांधली की खोलेगा पोल

गलत करने वाले अधिकारियों को निलंबित करें विभाग साझा मंच की मांग

रायपुर 4 जून 2025। शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालकगण ने बताया कि रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर, सरगुजा, संभाग के जिले में सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता सभी संवर्गों की काउंसलिंग आयोजित की गई थी अमूमन सभी संवर्ग में अतिशेष घोषित करने की प्रक्रिया को लेकर असंतोष देखा गया, स्थल में उपस्थित होकर हमने पाया की विषय बंधन को समाप्त करने के राजपत्र के नियम को पूर्णतः दरकिनार किया गया है और युक्तियुक्तकरण नियम के मार्गदर्शी निर्देश का भी मिडिल स्कूल और प्राथमिक शालाओं में उल्लंघन किया गया है, हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल में अतिशेष घोषित करने में पक्षपात किया गया है।

दावा आपत्ति किया गया, बीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पावती नहीं दिया गया, वे डरते रहे की पावती देने के बाद शिक्षक चढ़ाई कर देंगे, सहायक शिक्षकों के काउंसलिंग स्थान में भारी असंतोष देखा गया, अतिशेष घोषित करने की प्रक्रिया तथा शाला में शिक्षकों को रिक्त पद की प्रक्रिया को पूर्णतः गलत तरीके से लागू किया गया है, वहां पहुंचे सहायक शिक्षकों ने न्यायालय के शरण लेने की बात कही, अधिकारी मौके पर किसी भी प्रकार के तर्क व तथ्य को सुनने को तैयार नहीं थे बल्कि अतिशेष घोषित सूची और शालाओं की सूची के आधार पर सीधे-सीधे स्थल चयन करने का पुलिस की उपस्थिति में दबाव बना रहे थे, जो आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं उन्हें कहा जा रहा है कि आपको रिक्त शालाओं के लिए आदेशित कर दिया जाएगा।

इस विषय में कई प्रकार के प्रश्न शिक्षकों के द्वारा खड़े किए गए जो युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं होने के प्रमाण देते हैं खासकर बीईओ कार्यालय को जिला शिक्षा अधिकारी ने अधिकृत कर दिया था वहां बैठे समिति ने “तोरी मोरी” की कहानी करते हुए युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन में जमकर गड़बड़ी किया है।

प्राथमिक शाला में विषय बंधन की कोई बात नहीं है वहाँ वरिष्ठता एवं छात्र संख्या के आधार पर अतिशेष किया जाना था लेकिन यहां पर भी अतिशेष घोषित करने में संबंध व प्रयोजन का विशेष स्थान दिखाई दे रहा है, जिसके कारण वरिष्ठ अतिशेष हुए है। रिक्त स्थान घोषित करने की प्रक्रिया को लेकर बहुत से प्रश्न चिन्ह है जो शिक्षक वरिष्ठ है उनको कनिष्ठ बनाकर अतिशेष किया गया है जो कनिष्ठ शिक्षक हैं उन्हें अदृश्य शक्तियों के सहारे अतिशेष होने से बचा लिया गया है।

पहले दिन जो अतिशेष थे काउंसिलिंग के दिन रातोंरात उनका नाम हट गया और नए लोगो का नाम जुड़ गया, इसकी सूची और प्रकरण को सार्वजनिक कर अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे।

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साझा मंच के 4 मुद्दे –

  • 1- सेटअप के खिलाफ विसंगतिपूर्ण व त्रुटिपूर्ण युक्तियुक्तकरण को निरस्त किया जावे।
  • 2- सोना साहू प्रकरण के आधार पर क्रमोन्नति का जनरल आर्डर किया जावे।
  • 3- पूर्व सेवा की गणना कर पेंशन व अन्य लाभ दिया जावे।
  • 4- पदोन्नति में डीएड/ बीएड प्रशिक्षित को समान अवसर दिया जावे।
  • प्रदेश संचालकगण ने समीक्षा बैठक कर निर्णय लिया गया है कि 7 जून को रायपुर में प्रेसवार्ता कर अनियमितता व धांधली तथा त्रुटियों को रखा जाएगा
  • 7 जून को प्रेसवार्ता में युक्तियुक्तकरण पोलखोल
  • 10 जून – को जिला में रैली व ज्ञापन – कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को
  • 13 जून – को संभाग में रैली व ज्ञापन – जेडी व संभाग आयुक्त को
  • 16 जून – को शाला बहिष्कार

पूर्व माध्यमिक शाला में राजपत्र में विषय बंधन को समाप्त किया गया है जबकि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में 105 दर्ज संख्या के बाद प्रथम बार विषय चक्र को लागू किया जाना है, एक बार चक्र के बाद वरिष्ठता को आधार बनाना है इसका भी उल्लंघन कई मामलों में देखा गया। शिक्षक अपनी शिकायतों का पुलिंदा लेकर भटकते रहे पर किसी ने जवाब नहीं दिया अंततः शिक्षकों ने न्यायालय से न्याय प्राप्त करने का रुख अख्तियार किया है।

शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, केदार जैन, मनीष मिश्रा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, जाकेश साहू, भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज, प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे, अनिल कुमार टोप्पो सहित पदाधिकारियो ने लगातार सभी बातों को सुना और गंभीर रूप से त्रुटि करने वाले विकासखंड शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यालय शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया की अप्रमाणित दस्तावेज के आधार पर चहेतों को बचा लिया गया है और प्रमाणित दस्तावेज वाले वरिष्ठों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, इस विषय पर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही किया जाना चाहिए।

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