‘श्रवण कुमार’ से कम नहीं सीएम साय…अयोध्या से श्री रामलला का दर्शन कर लौटे गरीब बुजुर्ग सरकार को दे रहे आशीर्वाद

 

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रायपुर 6 सितंबर 2024 चाहे राजधानी रायपुर का रेलवे स्टेशन हो, बिलासपुर का या फिर रायगढ़ का रेलवे स्टेशन। बात अंबिकापुर रेलवे स्टेशन की हो या फिर दुर्ग रेलवे स्टेशन की। छत्तीसगढ़ के करीब 12 से 15 बड़े शहरों से गुजरने वाली श्री रामलला दर्शन योजना की स्पेशल ट्रेन जब प्लेटफॉर्म पर पहुंचती है, तो नजारा एकदम बदल जाता है।

‘जयश्रीराम’ के जयघोष से पूरा रेलवे स्टेशन गूंज जाता है। ट्रेन में रवाना हो रहे भक्त और प्लेटफार्म पर मौजूद दूसरे ट्रेनों के यात्री भी इस नजारे को देखकर काफी खुश होते हैं। दरअसल, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के निरंतर आदर्शों से सीख लेते हुए राज्य के नागरिक तथा तंत्र एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकें, इसके लिए श्रीरामलला दर्शन योजना आरंभ की गई है। छतीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां की जनता को सरकारी खर्च पर श्री रामलला का दर्शन कराया जा रहा है। श्री रामलला दर्शन योजना के तहत यह विशेष ट्रेन छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को सप्ताह में एक बार अयोध्या धाम का दर्शन कराती है।

श्री रामलला दर्शन योजना के तहत श्रद्धालुओं को पूरा पैकेज मिलता है, जिसमें छत्तीसगढ़ से अयोध्या जाने, वहां रहने की व्यवस्था, मंदिर दर्शन, नाश्ते और खाने की भी व्यवस्था रहेगी। इस ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, सुरक्षा कर्मी और चिकित्सकों का दल भी मौजूद रहता है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर श्री रामलला दर्शन योजना का वादा किया था, उसे पूरा करते हुए छत्त्तीसगढ़ से अयोध्या हर हफ्ते तीर्थयात्रियों को जत्था रवाना किया जाता है।

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जिनका अपना नहीं, उनके अपने बने साय

छत्तीसगढ़ में ऐसे हजारों बुजुर्ग हैं, जो गरीब हैं। या फिर जिनके कोई अपने नहीं हैं। कोई ऐसा, जो उन्हें उम्र के आखिरी पड़ाव में तीर्थस्थलों के दर्शन करा दें। लेकिन ऐसे बुजुर्गों के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार

श्रवण कुमार जैसा बेटा बन गया है। जो उन्हें निशुल्क देश के प्रमुख तीर्थस्थलों के दर्शन करा रही है। सरकारी खर्च में अब तक हजारों दर्शनार्थी श्री रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या भेजे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को अयोध्या में विराजमान श्री रामलला के दर्शन हेतु निःशुल्क आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य में श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना संचालित की जा रही है। रामलला का दर्शन हर श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष और पवित्र अनुभव होता है। समाज के लंबे 500 साल के संघर्ष के पश्चात अयोध्या में मंदिर का निर्माण हुआ है और भगवान श्रीराम विराजित हुए हैं।

 

यात्रा का पवित्र और अविस्मरणीय अनुभव

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने प्रभु श्री रामलला दर्शन योजना प्रारंभ की है जिससे पूरे प्रदेश के श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं और भगवान श्री राम के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। सभी श्रद्धालु अपने गांव में जाकर रामलला दर्शन से प्राप्त आनंद की अनुभूति का अनुभव साझा कर रहे हैं। रामलला का दर्शन करना एक अत्यंत पवित्र और अविस्मरणीय अनुभव है। अयोध्या में रामलला के दर्शन से मन को शांति और आत्मा को संतोष मिल रहा है। बुजुर्ग तीर्थयात्री बलराम पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा संचालित श्री रामलला दर्शन योजना बहुत ही अच्छी योजना है। जिसके माध्यम से हम सुविधाओं के साथ निःशुल्क अयोध्या जाकर भगवान श्री राम लला जी के दर्शन कर पा रहे हैं।

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यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। राकेश तिवारी ने उत्साह के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि श्री रामलला दर्शन योजना बहुत ही अच्छी योजना है। भगवान रामलला में तीर्थ दर्शन कर लौटे माताओं और बुजुर्गों ने प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को श्रवण कुमार बता रहे हैं। तीर्थ यात्रा कर लौटे बुजुर्ग माताओं ने कहा कि हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम अयोध्या जाएंगे। हमने अयोध्या में हम सबके आराध्य देव प्रभु राम जी के बाल्य काल का दर्शन किया। साथ ही काशी में विराजित काशी विश्वनाथ बाबा का भी दर्शन किया। हम सबका यह धार्मिक यात्रा बहुत मंगल मय और यादगार रही। रास्ते मे हम सबको किसी भी चीज की तकलीफ नही हुई।

सुबह से शाम तक भरपेट नाश्ता, भोजन, दही, पापड़ सलाद मिलता था। घर से भी ज्यादा हमारा ख्याल वहां रखते थे। तीर्थ यात्रियों ने इस यात्रा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का आभार जताया और श्रवण कुमार की उपाधि भी दी। देवभोग निवासी 60 वर्षीयलालधर यादव, तुलसी राम यादव, सुनाधर यादव, मकरन नायक और 60 वर्षीय चाम्पर नेताम ने बताया कि प्रभु श्री राम के अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पहली बार दर्शन करने जा रहे हैं। मन में एक अलग खुशी महसूस  हो रही है। गांव हरदीभाठा के 70 वर्षीयसोनबाई और उषा बाई पटेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उम्र के इस पड़ाव में तीर्थ यात्रा करने का मन सभी का रहता है। किंतु आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण यात्रा नहीं कर पाते है। ऐसे परिवारों के बुजुर्गों को इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।

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लौटने पर होता है भव्य स्वागत

अयोध्या में विराजित प्रभु श्री रामलला के दर्शन कर वापस पहुंचने पर उनके गृह जिले और शहर में जमकर स्वागत और अभिनंदन होता है। श्रद्धालुओं का सीताराम संकीर्तन मंडली के साथ अभूतपूर्व स्वागत किया जाता है। तीर्थयात्रियों को तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर, शॉल, श्रीफल भेंटकर स्वागत और अभिनंदन किया जाता है। इससे भावविभोर श्रद्धालु कहते हैं कि अयोध्या दर्शन योजना के तहत की गई यह यात्रा उनके लिए अत्यंत सुखद और पवित्र रही। उन्होंने रामलला के दर्शन का अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें इस धार्मिक स्थल की आध्यात्मिक ऊर्जा से बहुत शांति और संतोष मिला। श्रद्धालुओं ने सरकार द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं और स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया।

 

हम माध्यम, ये हमारा सौभाग्य: साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बुजुर्गों को तीर्थयात्रा दर्शन कराने के लिए हम माध्यम बने हैं, ये हमारा सौभग्य है। उन्होंने कहा कि ये क्षण हमारे लिए गौरवशाली है कि प्रदेश भर के लोग रामलला दर्शन के लिए जा रहे हैं। रामलला दर्शन योजना शुरू कर हमने मोदी जी की एक और गारंटी पूरी की है। इन श्रद्धालुओं का उल्लास और उमंग दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ के लोगों में रामलला के प्रति कितनी अटूट श्रद्धा और आस्था है।

NW News