DEO की पत्नी पोस्टिंग पर मचा बवाल, कलेक्टर को शिकायत , युक्तियुक्तकरण से सेफ करने दूसरे स्कूल में पोस्टिंग का लगा आरोप, डीईओ ने कहा….

DEO News : स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय सारंगढ़ में एक शिक्षिका की पदस्थापना को लेकर सवाल उठे हैं। आरोप है कि प्राचार्य सह प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी प्रसाथ पटेल (एल.पी. पटेल) ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी सुषमा पटेल को नियमों के खिलाफ शाला में पदस्थ कर दिया। इस मामले को लेकर कलेक्टर को शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें कई गंभीर बिंदुओं को उठाया गया है। हालांकि डीईओ ने ऐसे किसी भी आरोप सिरे से खारिज कर दिया है।
व्याख्याता चूड़ामणि गोस्वामी ने अपने दो पन्ने की शिकायत में कहा है कि सुषमा पटेल को उनके निलंबन के बाद 29 अप्रैल 2025 को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिंदी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ में पदस्थ किया गया, जबकि इस प्रकार की पदस्थापना युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान निषिद्ध है। यह भी आरोप है कि श्री पटेल ने इस पदस्थापना को उचित ठहराने के लिए कलेक्टर को भ्रामक तर्क प्रस्तुत किए, जबकि संबंधित विद्यालय में पहले से ही पर्याप्त शिक्षक कार्यरत हैं।
शिकायत में बताया गया है कि इससे न केवल शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला में विज्ञान विषय के शिक्षक की कमी उत्पन्न हो गई है, बल्कि जिले की अन्य शिक्षक विहीन शालाओं की अनदेखी भी हुई है। यह पदस्थापना आदेश न केवल शासन के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इसमें निजी हित और स्वेच्छाचारिता की स्पष्ट झलक दिखती है।
इसके अलावा यह भी आरोप है कि श्री पटेल द्वारा जारी आदेशों के कारण स्वामी आत्मानंद विद्यालय में पूर्व में तैनात शिक्षकों को भी वापस भेज दिया गया, जिससे वहां की अध्यापन व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वहीं, श्रीमती पटेल को निकटतम विद्यालय में तैनात कराना यह दर्शाता है कि श्री पटेल ने व्यक्तिगत सुविधा को प्राथमिकता दी है।
शिकायत में इस पूरे मामले को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन बताते हुए श्री पटेल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है, साथ ही उनके द्वारा जारी पदस्थापना आदेश को निरस्त कर उन्हें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से अलग करने की अपील की गई है। हालांकि इस मामले में पक्ष जानने के लिए डीईओ से संपर्क किया गया, तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। डीईओ ने कहा कि …
“नियम और प्रक्रिया के तहत पोस्टिंग की गयी है। पोस्टिंग के पूर्व कलेक्टर का अनुमोदन लिया गया है। किसी को बचाने और किसी जानकारी को छुपाने का सवाल ही नहीं उठता। अगर कलेक्टर की तरफ से कोई जानकारी मांगी जाती है, तो वो उन्हें उपलब्ध करा देंगे”