ब्रेकिंग: शिक्षकों के प्रमोशन संशोधन घोटाले में बड़े एक्शन की तैयारी, आरोपी संयुक्त संचालकों के खिलाफ आज से गवाही शुरू, हजारों शिक्षकों के दर्ज होने हैं बयान

रायपुर 29 अगस्त 2024। प्रमोशन संशोधन मामले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। शिक्षकों के संशोधन मामले में आरोपी अफसरो (संयुक्त संचालकों) पर शिकंजा कसने वाला है। शिक्षकों के प्रमोशन संशोधन मामले में आरोपी शासकीय सेवक या यूं कह लीजिए कि, मामले में आरोपी संयुक्त संचालकों के खिलाफ अब गवाही शुरू होने वाली है। आज से यह गवाही शुरू होगी, जिसमे तिथिवार अलग-अलग संयुक्त संचालक के खिलाफ गवाह देने वाले अफसरों और शिक्षक को उपस्थित रहने को कहा गया है।

जानकारी के मुताबिक हजारों शिक्षकों की इस पूरे मामले में गवाही होने वाली है, जिन संयुक्त संचालकों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, उसमें दुर्ग संभाग के तत्कालीन संयुक्त संचालक जीएस मरकाम, सरगुजा संभाग के तत्कालीन संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय, बिलासपुर के तत्कालीन संयुक्त संचालक एसके प्रसाद, तत्कालीन सहायक ग्रेड 2 विकास तिवारी, रायपुर संभाग के संयुक्त संचालक के कुमार और बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय शामिल है। आज से यह गवाही शुरू होने वाली है, जिसमें पहले गवाही आज और कल यानी 29 और 30 अगस्त को जीएस मरकाम के खिलाफ होगी।

उसके बाद 10 और 11 सितंबर को हेमंत उपाध्याय के खिलाफ, 12 और 13 सितंबर को एसके प्रसाद के खिलाफ, 23 और 24 सितंबर को के कुमार के खिलाफ और 27 और 28 सितंबर को हेमंत उपाध्याय के खिलाफ गवाही होगी। इस मामले में सभी आरोपी अधिकारी और शासकीय गवाह यानी शिक्षकों तथा बचाव सहायक को उपस्थित रहने को कहा गया है। माना जा रहा है कि यह पूरा मामला कोर्ट में है, लिहाजा कोर्ट से अधिकृत अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे।

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क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि प्रमोशन घोटाले में बड़ी संख्या में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी। प्रमोशन के बाद शिक्षकों ने बड़ी चालाकी से दूरस्थ जगह पर स्कूल आवंटित कराया और फिर पैसे के लेनदेन के आधार पर अपनी सहूलियत और निकटवर्ती स्कूलों में तबादला कर लिया। नियमों के मुताबिक काउंसलिंग के जरिए सिर्फ संयुक्त संचालकों को पदस्थापना का अधिकार था, लेकिन अधिकार से बाहर जाकर संयुक्त संचालकों ने शिक्षकों का ट्रांसफर भी कर दिया। इस मामले में आरोपी अफसरो को निलंबित भी किया गया था, बाद में यह पूरा प्रकरण कोर्ट में चला गया। जहां से सभी आरोपी अफसर को राहत मिल गई और कोर्ट ने सभी के निलंबन को बहाल करने का आदेश जारी कर दिया। अब फिर से इस पूरे प्रकरण पर सुनवाई शुरू हुई है माना जा रहा है कि अब संयुक्त संचालकों के खिलाफ शिकंजा कर सकता है।

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