स्कूलों की तिमाही-छमाही परीक्षा के लिए जिले में ही तैयार होगा प्रश्न पत्र, 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर ये दिये गये निर्देश

दसवी-बारहवी के बेहतर परिणाम हेतु गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर दिया जोर

कोरिया 28 अगस्त 2024। कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष में  कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्याे को स्कूलों के बेहतर प्रबंधन एवं दसवी-बारहवी की पढ़ाई गुणवत्तापूर्ण कराने के निर्देश ताकि बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों के शतप्रतिशत परिणाम आ सके।

बैठक में कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने संकुल प्राचार्याे से पिछले वर्ष के दसवी एवं बाहरवी के परीक्षा परिणाम तथा उनके द्वारा की गई तैयारी के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जिले में बोर्ड परीक्षा की तैयारी हेतु परीक्षा विशेष पर जो बिन्दु तैयारी की जायेगी उस पर अमल करते हुए बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराई जायेगी। इस वर्ष तिमाही व छमाही की परीक्षा हेतु जिला स्तर पर प्रश्न पत्र तैयार किया जायेगा। साथ ही उत्तर पुस्तिका की मूल्यांकन भी की जायेगी तथा जो कमियों की समीक्षा कर बच्चों को उचित मार्गदर्शन दिया जायेगा।

कलेक्टर ने सभी स्कूलों में यूनिट-यूनिट टेस्ट कराने के निर्देश दिये। साथ ही संकुल प्रभारियों को संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों का नियमित निरीक्षण कर प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा संकुल प्राचार्य एवं शैक्षिक समन्वयक अपने संकुल अंतर्गत आने वाली शालाओं को नियमित अवलोकन करे। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की समीक्षा करें, पढ़ाई में कोताही न बरतें। अधोसरंचना, साफ-सफाई, किचन शेड, खाद्य सामग्री को सुरक्षित रखने, मध्यान्ह भोजन, शिक्षा गुणवत्ता, आदि पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये, साथ ही शौचालय को  साफ-सुथरा रखने के निर्देश दिए।उन्होनें स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां, खेलकूद, वाद-विवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने के निर्देश दिये ताकि बच्चों को मंच मिले तथा उनमें आत्मविश्वास जागृत हो।

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कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने स्कूली छात्र-छात्राओं के आय, जाति, निवास-प्रमाण पत्र तथा आधार कार्ड शत-प्रतिशत बनाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने बैठक में सभी शिक्षकों की समय पर एवं नियमित रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा अध्यापन कार्य ईमानदारी पूर्वक करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है तथा अधिकतर बच्चों के पालक कृषि एवं अन्य कार्य में व्यस्त रहते है अतः शिक्षक बच्चों के पालकों से भी नियमित संवाद करें और बच्चों की शिक्षा से उन्हें अवगत कराते रहे। कलेक्टर ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों से एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन स्कूल की जानकारी ली। उन्होंने संकुल प्राचार्यों से बारहवीं में अध्ययनरत जो मेडिकल एवं इंजीनियरिंग में प्रवेश हेतु तैयारी करना चाहते ऐसे बच्चों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने दसवी-बारहवी में बोर्ड परीक्षा में अच्छे परिणाम हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने संकुल प्राचार्यों को अपने अधीनस्थ स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने तथा सभी स्कूलों का भली-भांति जानकारी रखने, अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी पूर्वक निभाने को कहा।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री जितेन्द्र गुप्ता, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सहित संकुल प्राचार्य उपस्थित थे।

NW News