युक्तियुक्तकरण मीटिंग अपडेट: शिक्षा सचिव ने संगठन के प्रांताध्यक्षों से वन टू वन की बातें, आयी आपत्तियों पर विभाग करेगा विचार, शिक्षा सचिव के सामने वेतन विसंगति की मांगें भी उठी

रायपुर 28 अगस्त 2024। युक्तियुक्तकरण को लेकर पहले दौर की वार्ता खत्म हो गयी। पहले डीपीआई के अधिकारियों और फिर शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी के साथ शिक्षक संगठनों की बातचीत की। डीपीआई के अधिकारियों के साथ करीब 1 घंटे और शिक्षा सचिव के साथ भी लगभग 1 घंटे की बातचीत हुई। इस दौरान शिक्षक संगठनों ने युक्तियुक्तकरण से होने वाले नुकसान और शिक्षा व्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी।

तीन बजे से शुरू हुई डीपीआई के अधिकारियों के साथ बैठक करीब एक घंटे चली, जिसमें संयुक्त संचालक योगेश शिवहरे और उप संचालक आशुतोष चौरे और अशोक कुमार बंजारा मौजूद थे। अधिकारियों ने बैठक में मौजूद 12 संगठन के प्रतिनिधियों के साथ वन टू वन बात की और युक्तियुक्तकरण को लेकर उनका पक्ष जाना। सभी संगठनों की बातों को नोट कर शिक्षा सचिव को भेजा गया। जिसके बाद शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी के साथ शिक्षक संगठनों की बातचीत हुई।

बैठक में पहले कम शिक्षक संगठनों को बुलाया जाना था, लिहाजा सचिव के चैंबर में पांच कुर्सियां ही लगायी गयी थी, लेकिन जब संख्या संगठन के प्रांताध्यक्षों की ज्यादा हो गयी, तो एक्स्ट्रा कुर्सियां लगायी गयी। इस दौरान शिक्षा सचिव के पास संगठनों के युक्तियुक्तकरण के मुद्दे पर आपत्तियां पहुंच चुकी थी। उन्होंने आपत्तियों का अध्ययन किया और फिर वन टू वन सभी शिक्षक संगठनों से बातें की।

बैठक के आखिर में शिक्षा सचिव ने कहा, आज तो पहली बातचीत थी, आज हमें  शिक्षक संगठनों की बातों को सुनना था। हमने पूरी बातों को सुना है, अब इस बारे में विभाग में विचार कर आपलोगों को सूचित किया जायेगा। आपलोगों की आपत्तियों का विस्तृत अध्ययन अधिकारी करेंगे। जैसा भी विभाग का निर्णय होता है, इसकी जानकारी आपलोगों को दे दी जायेगी।

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शिक्षक संगठनों ने रखी ये बातें

शिक्षक संगठनों ने दो टूक कहा कि युक्तियुक्तकरण में ऐसी काफी विसंगतियां है, जो ना सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगी, बल्कि नयी शिक्षा नीति का भी खुल्लम खुल्ला उल्लंघन होगा। युक्तियुक्तकरण को लेकर जो निर्देश 2 अगस्त को जारी किया गया है, उससे 2008 का सेटअप पूरी तरह से बदल रहा है, जो शिक्षण व्यवस्था के लिए पूरी तरह से गलत है। इस दौरान सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि शिक्षा विभाग के बनाये सेटअप में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं होना चाहिये। उन्होंने मांग की, जिस तरह के युक्तियुक्तकरण के लिए टाइम लिमिट तय की गयी है, उसी तरह से प्रमोशन के लिए भी समयावधि तय होना चाहिये, पहले प्रमोशन की प्रक्रिया पूर्ण होना चाहिये, उसके बाद तो अतिशेष शिक्षक हों, उन्हें सरकार एकल शिक्षकीय या शिक्षक विहीन स्कूल में अगर पदस्थ करने को लेकर कोई विचार करती है, तो सरकार कर सकती है। इस दौरान मनीष मिश्रा ने शिक्षा सचिव के सामने वेतन विसंगति की मांग उठायी। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी के तहत वेतन विसंगति को दूर करने का वादा किया गया था, सरकार को इस पर तत्काल विचार करना चाहिये।

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