Sheeghr Vvaah Upaay : देवगुरु बृहस्पति की कृपा से शीघ्र होगी विवाह, कुंडली में गुरु को करें मजबूत, रोजाना करें इन मंत्रों का जाप

Sheeghr Vvaah Upaay :  ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, वैवाहिक जीवन और संतान सुख का कारक माना गया है। मान्यता है कि कुंडली में गुरु यदि शुभ स्थान पर और बलवान होता है, तो व्यक्ति को जीवन में अनेक लाभ मिलते हैं। खासकर अविवाहित युवक-युवतियों के शीघ्र विवाह में यह अत्यंत सहायक होता है। इसलिए ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि जिनकी शादी में विलंब हो रहा है, वे देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें और गुरुवार का व्रत रखें।

Sheeghr Vvaah Upaay

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गुरुवार का व्रत है विशेष फलदायी


गुरुवार को व्रत रखने से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है। अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए इस दिन व्रत रखती हैं और भगवान विष्णु की पूजा करती हैं। वहीं विवाहित महिलाएं इस व्रत से पति की लंबी आयु, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति करती हैं। साथ ही नवविवाहित जोड़ों को संतान सुख भी प्राप्त होता है।

जल्द विवाह के लिए मंत्रों का करें जाप


ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि यदि विवाह में बार-बार बाधाएं आ रही हों, तो नीचे दिए गए मंत्रों का रोजाना जाप करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

लड़कों के लिए मंत्र –

  1. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

  2. पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।

  3. ऊँ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

  4. ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि…

  5. ॐ कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धिमहि तन्नो मन्मथ प्रचोदयात्

  6. ॐ नमः काम-देवाय…

  7. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

  8. ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा

  9. ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:

लड़कियों के लिए मंत्र –

  1. ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:

  2. ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा

  3. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

  4. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि…

  5. हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया…

  6. ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी…

  7. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय…

  8. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः…

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