…तो शिक्षकों की होगी सीधे बर्खास्तगी! मुख्यमंत्री ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा, DPI, कलेक्टर, जेडी और डीईओ को निर्देश जारी

Teacher News : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने हेतु कठोर रुख अपनाया है। शराब करके स्कूल आने वाले शिक्षकों, छात्राओं से अशोभनीय व्यवहार करने वालों और ड्यूटी से गायब रहने वाले शासकीय सेवकों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कमजोर प्रदर्शन वाले शिक्षकों को समयपूर्व सेवानिवृत्ति की चेतावनी दी गई है। शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता और कर्तव्य विमुखता पर सख्त रुख अपनाते हुए कई कड़े निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा ली गई समीक्षा बैठक के आधार पर लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त संभागीय संयुक्त संचालकों, जिला कलेक्टरों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पत्र जारी किया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में मदिरापान या नशे की स्थिति में आने वाले शिक्षकों को तत्काल चिन्हित कर उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इसके लिए छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 10 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है।
इसी तरह, छात्राओं से अश्लील व्यवहार या आपत्तिजनक संदेश भेजने जैसे मामलों में संलिप्त शासकीय सेवकों पर भी कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में नैतिकता बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, अनाधिकृत अनुपस्थिति और कर्तव्य विमुखता के मामलों में भी अब और ढिलाई नहीं बरती जाएगी। पहले जारी परिपत्रों के अनुसार अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। यह देखा गया है कि पहले इन मामलों में लापरवाही बरती गई थी, जिस पर अब सीधे शासन ने गंभीर नाराजगी जताई है।
कम प्रदर्शन करने वाले शासकीय सेवकों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया अपनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले या 20 वर्षों की सेवा अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा कर, अगर वे अक्षम, अयोग्य या भ्रष्ट पाए जाते हैं तो उन्हें सेवा से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में जारी परिपत्रों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।