Soory Upaasana : सूर्य को जल अर्पित करने से बढ़ती है सेहत, आत्मबल और मानसिक शांति: जानिए लाभ और विधि

Soory Upaasana :  भारतीय संस्कृति में सूर्य उपासना को एक गहन आध्यात्मिक और स्वास्थ्यवर्धक अभ्यास माना गया है। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनि सूर्य को जल अर्पित कर दिन की शुरुआत करते थे। आज भी वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से यह परंपरा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।

Soory Upaasana : सूर्य को जल अर्पित करने से बढ़ती है सेहत

सूर्य को जल अर्पित करने के फायदे:

  1. प्राकृतिक विटामिन D का स्रोत:
    सुबह की कोमल धूप शरीर को आवश्यक विटामिन D प्रदान करती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

  2. तनाव और चिंता में राहत:
    अर्घ्य देते समय ध्यान लगाने से मानसिक संतुलन बना रहता है और दिनभर मन शांत रहता है।

  3. त्वचा रोगों से बचाव:
    हल्की धूप में सूर्य किरणों के संपर्क से त्वचा स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।

  4. आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि:
    सूर्य उपासना से मनोबल और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पूरे दिन सक्रिय रहता है।

सूर्य को अर्घ्य देने की विधि:

  • प्रातः सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  • तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें, उसमें रोली, अक्षत (चावल) और पुष्प मिलाएं।

  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।

  • “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ घृणिः सूर्य आदित्यः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल अर्पित करें।

एक अनुशासित दिनचर्या की शुरुआत:

सूर्य को अर्घ्य देना न केवल एक धार्मिक आस्था है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक और योगिक प्रक्रिया है जो जीवन में अनुशासन, स्वास्थ्य और आत्मिक विकास लाती है।

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