Soory Upaasana : सूर्य को जल अर्पित करने से बढ़ती है सेहत, आत्मबल और मानसिक शांति: जानिए लाभ और विधि

Soory Upaasana : भारतीय संस्कृति में सूर्य उपासना को एक गहन आध्यात्मिक और स्वास्थ्यवर्धक अभ्यास माना गया है। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनि सूर्य को जल अर्पित कर दिन की शुरुआत करते थे। आज भी वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से यह परंपरा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
Soory Upaasana : सूर्य को जल अर्पित करने से बढ़ती है सेहत
सूर्य को जल अर्पित करने के फायदे:
प्राकृतिक विटामिन D का स्रोत:
सुबह की कोमल धूप शरीर को आवश्यक विटामिन D प्रदान करती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।तनाव और चिंता में राहत:
अर्घ्य देते समय ध्यान लगाने से मानसिक संतुलन बना रहता है और दिनभर मन शांत रहता है।त्वचा रोगों से बचाव:
हल्की धूप में सूर्य किरणों के संपर्क से त्वचा स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि:
सूर्य उपासना से मनोबल और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पूरे दिन सक्रिय रहता है।
सूर्य को अर्घ्य देने की विधि:
प्रातः सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें, उसमें रोली, अक्षत (चावल) और पुष्प मिलाएं।
पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।
“ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ घृणिः सूर्य आदित्यः” मंत्र का उच्चारण करते हुए जल अर्पित करें।
एक अनुशासित दिनचर्या की शुरुआत:
सूर्य को अर्घ्य देना न केवल एक धार्मिक आस्था है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक और योगिक प्रक्रिया है जो जीवन में अनुशासन, स्वास्थ्य और आत्मिक विकास लाती है।