महिला व्याख्याता के तबादला आदेश पर विवाद गहराया, मुख्यमंत्री को आदेश निरस्त करने भेजा पत्र, ट्राइबल से एजुकेशन में ट्रांसफर पर उठ रहे सवाल

रायपुर 11 जून 2025। शिक्षिका का एक तबादला आदेश सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। हालांकि शिक्षिका का ये ट्रांसफर आदेश जनवरी महीने में ही जारी हुआ है, लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है। दावा किया जा रहा है शिक्षिका का ट्रांसफर ट्राइबल क्षेत्र से एजुकेशन में करने की शिकायत की गयी है। अब इस आदेश को लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तबादला आदेश निरस्त करने की मांग की है।

पैरेंट्स एसोसिएशन ने की कार्रवाई की मांग

हालांकि NW न्यूज इस आदेश की पुष्टि नहीं करता है। जानकारी के मुताबिक कामिनी साहू व्याख्याता जीव विज्ञान शासकीय हाईस्कूल मुकादाह, मोहला मानपुर का तबादला 6 जनवरी 2025 को किया गया था। शिकायत में कहा गया है कि विधानसभा में एक सवाल के जवाब में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने कहा था कि आदिवासी क्षेत्र से शिक्षकों को शहरी क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।

ट्राइबल से एजुकेशन में नहीं हो सकता तबादला

सवाल के लिखित जवाब  में जीएडी के 5 मार्च 2019 की कंडिका 9 का भी जिक्र किया गया था। जिसमें कहा गया है कि आदिम जाति कल्याण विभाग के शिक्षकों और अन्य स्टाफ का शिक्षा विभाग में संविलियन होने के बाद भी आदिवासी विकासखंडों से बाहर नहीं आ पायेंगे। मतलब संविलियन के बाद भी आदिवासी विभाग के शैक्षणिक स्टाफ शिक्षा विभाग के स्कूलों एवं कार्यालय में अपनी सेवाएं नहीं दे पायेंगे। उनका तबादला आदिवासी विकासखंड में ही होगा।

लेकिन, व्याख्याता जीव विज्ञान कामिनी साहू का मोहला मानपुर से ट्रांसफर जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के विकल्प पर कर दिया गया। पैरेंट्स एसोसिएशन ने कहा है कि कामिनी साहू के तबादले के बाद हाई स्कूल मुकादाह में कोई भी जीव विज्ञान पढ़ाने वाला शिक्षक नहीं है। एसोसिएशन ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए तबादला को निरस्त करने की मांग की है।

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तबादला आदेश में भी झोल

दरअसल शिक्षकों के अभी तक जितने भी आदेश जारी हुए हैं, उन आदेशों में शिक्षक के साथ उनके संवर्ग का भी जिक्र होता है। मसलन ई और टी संवर्ग…लेकिन कथित तौर पर कामिनी साहू का जो आदेश जारी किया गयाहै, उसमें किसी संवर्ग का जिक्र नहीं किया गया है। यही नहीं स्थानांतरित शाला का भी जिक्र नहीं किया है, ताकि ये खुलासा हो सके, उन्हें टी संवर्ग के स्कूल में पोस्टिंग दी गयी है या फिर ई संवर्ग के स्कूल में। आदेश में डीईओ के विकल्प पर पोस्टिंग का जिक्र है। फिलहाल इस आदेश को लेकर काफी चर्चाएं हैं।

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