युक्तियुक्तकरण की हठधर्मिता ने खोल दी स्कूल शिक्षा विभाग की पोल : वीरेंद्र दुबे और धर्मेश शर्मा के नेतृत्व में राजधानी में काउंसलिंग का तीखा विरोध, जारी रहेगा विसंगतियों का विरोध

रायपुर 4 जून 2025। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर प्रदेशभर में शिक्षकों और उनके संगठनों का उग्र विरोध जारी है। रायपुर समेत कई जिलों में काउंसलिंग को लेकर भारी विसंगतियों के चलते आंदोलन तेज हो गया है। साझा मंच और शालेय शिक्षक संघ के नेतृत्व में विरोध के बाद रायपुर में काउंसलिंग स्थगित कर दी गई है। शिक्षक संगठनों ने इस पूरी प्रक्रिया को भ्रष्टाचारपूर्ण, पक्षपातपूर्ण और निरंकुश करार देते हुए पारदर्शिता की मांग की है। सर्व शिक्षक साझा मंच और शालेय शिक्षक संघ के नेतृत्व में रायपुर समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में अतिशेष शिक्षकों की सूची और काउंसलिंग प्रक्रिया को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। राजधानी रायपुर में हुई घटना ने इस विवाद को और भी गंभीर बना दिया है, जहां अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी किए बिना ही काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिससे नाराज संगठनों ने तीखा विरोध जताया।
प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे और प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने काउंसलिंग स्थल पर पहुँचकर स्थिति की समीक्षा की और कमिश्नर को शिकायत दी। इसके बाद रायपुर की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई। दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि विभाग द्वारा दावा-आपत्ति का कोई अवसर नहीं दिया गया और मनमाने तरीके से शिक्षकांे को अतिशेष घोषित किया जा रहा है।
विरोध कर रहे संगठनों का आरोप है कि काउंसलिंग की प्रक्रिया में विभागीय अधिकारी राज्य स्तर के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कहीं सूची समय पर नहीं जारी की गई, तो कहीं सूची ही छिपा ली गई। कई शिक्षकों को व्यक्तिगत सूचना देकर बुलाया जा रहा है। इस तरह की निष्पक्षता और पारदर्शिता की कमी को लेकर पूरे राज्य में असंतोष फैला हुआ है।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि हर जिले में अलग-अलग मापदंड अपनाए जा रहे हैं। कहीं वरिष्ठ शिक्षक को हटाया गया है तो कहीं कनिष्ठ या परिवीक्षाधीन शिक्षकों को संरक्षण दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई पदों को जानबूझकर रिक्त दिखाया गया है ताकि भाई-भतीजावाद और लेनदेन के माध्यम से अपने चहेतों को नियुक्त किया जा सके।
प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने बताया कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों में अव्यवस्था फैल गई है। कई एकल शिक्षक स्कूलों से अनुभवी शिक्षकों को हटाया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि विभाग पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग कर रहा है। कई जिलों में शिक्षकों को डराया-धमकाया जा रहा है ताकि वे काउंसलिंग का विरोध न करें। इससे शिक्षक समुदाय में गहरी नाराजगी है।
संघों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि विभाग ने इस प्रक्रिया में जल्द पारदर्शिता नहीं लाई और विसंगतियों को नहीं सुधारा, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। संगठन ने यह भी बताया कि रायपुर में काउंसलिंग को अगले दिन सुबह 11 बजे तक स्थगित किया गया है।
शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से इस विषय में तत्काल हस्तक्षेप कर न्यायपूर्ण और एक समान नीति लागू करने की मांग की है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि विसंगतियों का विरोध जारी रहेगा।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेश सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,नंदकुमार अठभैया, भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,बिजेंद्रनाथ यादव,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,उपेंद्र सिंह,पवन साहू,मनोज पवार,देवव्रत शर्मा, कैलाश रामटेके,अब्दुल आसिफ खान,सरवर हुसैन,कुलदीप सिंह चौहान,नेमीचंद भास्कर,राजेश यादव,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,सुशील शर्मा,विजय जाटवर, शशि कठोलिया,विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन,द्वारिका भारद्वाज, लोमन वर्मा, सत्येंद्र ताम्रकार,राजकुमार साहू,किशन साहू,आदि पदाधिकारियो ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।