पेंशनर्स की लड़ाई अब केंद्र तक: छत्तीसगढ़ पेंशनर्स फोरम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का लिया निर्णय

रायपुर, 25 मई 2025। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन और पेंशनर्स फोरम की प्रांतीय बैठक में पेंशनभोगियों की समस्याओं को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। बैठक में तय किया गया कि पेंशनर्स की लंबित और ज्वलंत मांगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा, ताकि इन मुद्दों का शीघ्र समाधान हो सके।
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक बी. पी. शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह बैठक शंकर नगर स्थित राजपत्रित अधिकारी संघ कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेशभर से पेंशनर्स प्रतिनिधियों और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में निम्न प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई और सर्वसम्मति से केंद्र सरकार तक मांगें पहुंचाने का फैसला लिया गया:
महंगाई राहत की अदायगी में मध्यप्रदेश की सहमति (धारा 49(6)) की बाध्यता समाप्त की जाए।
महंगाई राहत एवं एरियर्स का भुगतान केंद्र सरकार की तर्ज पर किया जाए।
राज्य में लंबित पेंशन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाए और सेवानिवृत्ति की तिथि पर सभी वित्तीय स्वत्वों का भुगतान अनिवार्य किया जाए।
पेंशनर्स को उपचार हेतु न्यूनतम 10 लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, जो कि राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सभी अस्पतालों में लागू हो।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि पेंशनर्स लंबे समय से अपनी न्यायोचित मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि देश के सर्वोच्च नेतृत्व तक उनकी आवाज पहुंचे।
बैठक में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, पेंशनर्स फोरम के प्रदेश संयोजक बी. पी. शर्मा, आर. के. रिछारिया, चेतन भारती, यशवंत देवान, कौशल वर्मा, उमेश मुदलियार, पंकज पांडेय, आर. एन. नायक, सहित प्रदेश और जिलों से आए सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कमल वर्मा ने कहा कि “सरकार को पेंशनर्स की मांगों को नजरअंदाज करने की आदत छोड़नी होगी। पेंशनभोगी प्रदेश की सेवा में अपना जीवन खपा चुके हैं, अब उनके अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।बैठक के अंत में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।