व्याख्याता को BEO बनाने पर हाईकोर्ट के तीखे तेवर, कहा, लेक्चरर को नहीं बना सकते ब्लाक एजुकेशन आफिसर, हटाने का कोर्ट ने जारी किया आदेश

High court News: व्याख्याता को BEO बनाने के आदेश पर हाईकोर्ट ने तीखी नाराजगी जतायी है। मामला रायगढ़ जिले का है, जहां व्याख्याता को BEO बनाने का आदेश जारी हुआ था। मामले में कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, सुनवाई के दौरान BEO ने शिक्षा विभाग के फैसले पर तीखी नाराजगी जतायी। कोर्ट ने तुरंत आर्डर कैंसिल कर ABEO को बीईओ का प्रभार देने का आदेश दिया है। दरअसल सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला में साल 2022 में नरेंद्र जांगड़े (मूल पद व्याख्याता) को बीईओ बनाने का आर्डर जारी किया गया था।

जिसके बाद नरेंद्र जांगड़े पर कई तरह से आरोप लग गये, जिसके बाद कलेक्टर ने नरेश चौहान (व्याख्याता) को BEO बना दिया। आपत्ति जताने पर कुछ दिन बाद फिर से नरेंद्र जांगड़े को फिर से BEO बना दिया गया। इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी गयी। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने मामले की सुनवाई करते हुए पूछा, अभी कौन BEO है? जस्टिस राकेश मोहन ने कहा कि ना तो नरेश चौहान और ना ही नरेंद्र जांगड़े बीईओ रहेंगे। उनकी जगह पर एबीईओ को बीईओ का चार्ज दिया जायेगा।

जस्टिस राकेश मोहन ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि जस्टिस राकेश मोहन ने कहा कि दोनों में से कोई भी बीईओ नहीं रहेगा, वहां एबीईओ ही बीईओ रहेगा। जस्टिस ने कहा कि ब्लाक एजुकेशन आफिसर कहीं भी व्याख्याता को बनाना ही नहीं है। अगर ऐसा कोई मामला कोर्ट में आ रहा है, तो तुरंत उस आदेश को रद्द कराया जा रहा है।

आपको बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में आदेश दिया था कि लेक्चरर का पद शैक्षणिक पद है, जबकि ब्लाक एजुकेशन अफसर का पद प्रशासकीय पद है। ऐसे में बीईओ का चार्ज व्याख्याता को नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने उस वक्त भी बीईओ के पद पर कार्यरत व्याख्याताओं को हटाने का आदेश दिया था। लेकिन शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कई जगहों पर अभी भी बीईओ के चार्ज में व्याख्याता को बनाये रखा है।

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