युक्तियुक्तकरण का नियम शिक्षा गुणवत्ता से खिलवाड़, शिव मिश्रा बोले, अव्यवहारिक नियम को तुरंत वापस हो, 2008 के सेटअप का हो पालन

रायपुर 10 अगस्त 2024। युक्तियुक्तकरण को लेकर तैयार नियमावली पर छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश संयोजक शिव मिश्रा ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग के 2 अगस्त को जारी युक्तियुक्त करण के निर्देश के अनुसार प्राथमिक शालाओं में 60 दर्ज पर एक प्रधान पाठक एक सहायक शिक्षक का मापदंड निर्धारित किया गया है, जबकि कक्षा 1 से 5 वी तक कुल 18 विषय होते हैं।

यही नहींे इसके अलावा प्राथमिक शाला के शिक्षकों से बालवाड़ी, एफएलएन, प्रतिदिन कई तरह की जानकारी बच्चों के जाति निवास आदि बनवाने सहित कई गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाते हैं। चूंकि प्राथमिक शाला शिक्षा की नींव होती है ऐसे में दो शिक्षकों के भरोसे शिक्षा गुणवत्ता की उम्मीद बेमानी सी लग रही है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार एक संवेदन शील सरकार के रूप में जानी जाती है आम जनमानस सहित कर्मचारियों को इनसे काफी उम्मीदें हैं और ऐसे में सरकार के अधिकारियों द्वारा इस प्रकार का अव्यवहारिक दिशा निर्देश निकालना सोचनीय है।

छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश संयोजक शिव मिश्रा ने कहा है कि विभाग अपने जारी निर्देशों पर गंभीरता से पुनर्विचार करे और इसमें बदलाव कर 2008 के सेटअप अनुसार प्राथमिक शालाओं में एक प्रधान पाठक दो सहायक शिक्षक सहित कुल तीन स्टाफ उपलब्ध कराए साथ ही इसी सेटअप के अनुरूप ही माध्यमिक और हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए भी लागू करे। एक ओर शासकीय शालाओं के शिक्षा स्तर की तुलना प्राइवेट स्कूलों से की जाती है वहीं दूसरी तरफ शासन इन शासकीय शालाओं को न पर्याप्त शिक्षक देने में रुचि रखती है न ही भौतिक संसाधन।

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आज प्रदेश के अधिकांश शालाओं में पांच कक्षाएं, एक कक्ष और एक शिक्षक के भरोसे संचालित हैं।वर्तमान में जारी सेटअप के अनुसार प्राथमिक शालाओं में शिक्षा गुणवता की उम्मीद करना दिवास्वप्न है क्योंकि शिक्षक भी इंसान है भगवान नहीं। शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस अव्यवहारिक दिशा निर्देश के विरुद्ध छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश नामदेव, जगदीश बघेल पारस निषाद, प्रांतीय सचिव चंद्रप्रकाश तिवारी जिला अध्यक्ष भूपेश पाणिग्रही, विकास मानिकपुरी, अजय केरकेट्टा, विकास चौबे, रविन्द्र मिश्रा, सरिता मनहर, संतोष गुप्ता, सहित सभी शिक्षकों ने विरोध व्यक्त किया है।

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