भारत में AI अपनाने की रफ्तार तेज, लेकिन योग्य प्रोफेशनल्स की भारी कमी

नई दिल्ली। भारत में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि यह कंपनियों के लिए एक जरूरी बिजनेस स्ट्रैटजी बन चुका है। भारतीय कंपनियों के अधिकतर अधिकारी AI को अपनाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती योग्य प्रोफेशनल्स की भारी कमी बनी हुई है।
भारत में AI अपनाने की रफ्तार तेज

AI क्षेत्र में स्किल गैप बना सबसे बड़ी चुनौती
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 54% HR प्रोफेशनल्स का कहना है कि उन्हें मिलने वाले जॉब एप्लिकेशंस में से केवल आधे या उससे भी कम ही सभी जरूरी योग्यताओं पर खरे उतरते हैं।
भारत में सबसे मुश्किल से मिलने वाली स्किल्स
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जिन स्किल्स की सबसे ज्यादा कमी है, वे इस प्रकार हैं:
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग (44%)
AI स्किल्स (34%)
कम्युनिकेशन और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसी सॉफ्ट स्किल्स (33%)
इस स्किल गैप की वजह से कंपनियां अब हायरिंग प्रोसेस को और सख्त कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत में 55% HR प्रोफेशनल्स केवल उन्हीं कैंडिडेट्स को प्राथमिकता देंगे, जो 80% या उससे अधिक जॉब क्वालिफिकेशन पूरी करते हैं।
AI अपनाने के लिए जरूरी है सही टैलेंट
भारत लिंक्डइन का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है, जहां प्लेटफॉर्म के 150 मिलियन से अधिक मेंबर्स हैं और हर साल इसमें 20% की वृद्धि हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि AI को अपनाना ही सफलता की कुंजी नहीं है, बल्कि इसे सही तरीके से बिजनेस में लागू करना सबसे अहम है। कई कंपनियां AI टूल्स में भारी निवेश तो कर रही हैं, लेकिन योग्य टैलेंट की कमी के कारण वे इनका पूरा फायदा नहीं उठा पा रही हैं।