युक्तियुक्तकरण में 43849 शिक्षकों के पद होंगे खत्म: 30700 प्राशा. व 13149 पूमा. शाला में शिक्षक के पद होंगे कम, संजय शर्मा बोले, जहाँ चाहो, वहां पोस्टिंग का नतीजा है अतिशेष शिक्षक

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में 3500 कामर्स व्याख्याता के पद कटौती की तैयारी, शिक्षा के अधिकार की आड़ में कुल 43849 शिक्षकों का पद समाप्त किया जा रहा
रायपुर 25 मई 2025।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि शिक्षा विभाग को अपनी गलती नही देखना है, अपने विभाग के सेटअप 2008 का संरक्षण नही करना है, विभाग हठधर्मिता कर रहा है, विभाग को अपने शिक्षकों से सरोकार नही है, यही कारण है कि अब तक युक्तियुक्तकरण पर चर्चा नही किया गया और गरियाबंद के डीईओ ने 27 मई को युक्तियुक्तकरण हेतु काउंसिलिंग बुलाया है।
उन्होंने कहा है कि सेटअप 2008 के अनुसार प्रायमरी स्कूलों में न्यूनतम एक प्रधान पाठक और दो शिक्षक 1+2 प्रावधानित है और मिडिल स्कूलों में एक प्रधान पाठक और 4 शिक्षक 1+4 प्रावधानित है, युक्तियुक्तकरण नीति में एक एक पद कम करके इसे 1+1 और 1+3 कर दिया गया है, प्रदेश में 30700 प्राथमिक शाला संचालित है जहाँ 1 सहायक शिक्षक पद कम कर 30700 पद व 13149 पूर्व माध्यमिक शाला संचालित है जहाँ शिक्षक का 1 पद कम कर 13149 पद, कुल इससे 43849 पद एक झटके में समाप्त हो गए और यही शिक्षक अब अतिशेष बनाये जा रहे है।
शिक्षा के अधिकार कानून की आड़ में प्रत्येक शाला से एक एक पद कम किया गया, शिक्षा अधिकार कानून के अनुसार राष्ट्रीय औसत से छत्तीसगढ़ में शिक्षक अनुपात बेहतर है और छत्तीसगढ़ की शिक्षा का स्तर 27 पायदान पर है, अगर यह शिक्षक अनुपात कम किया गया तो छत्तीसगढ़ की शिक्षा रसातल में पहुंच जाएगी, फिर मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान में बेहतरी की उम्मीद बेमानी है।
एक शाला में 2 शिक्षक होंगे तो शिक्षकों को दैनिक अवकाश, स्वास्थ्य, बीमारी, संतान पालन, मेटरनिटी की जरूरत में भी अवकाश नही दिया जाएगा क्योकि एक शिक्षक के अवकाश में जाने पर शाला एकल शिक्षकीय हो जाएगा, क्या शिक्षक अमर- अजर होते है,?
जहाँ पाओ वहाँ पोस्टिंग करो की नीति से अतिशेष हो रहे शिक्षक
कागजी आंकड़े को लेकर लगातार विभाग हर बार शिक्षकों को पैमाना में कसने का प्रयास करता है किंतु स्थानांतरण व पदोन्नति के समय सारे नियम तोड़कर “जहाँ पाओ वहाँ पोस्टिंग करो” की नीति अपनाते है, जिससे स्कूल में शिक्षक अतिशेष हो जाते है, अतिशेष की जिम्मेदारी आखिर किसकी है,?
शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय शाला क्यो है –
गत डेढ़ वर्ष पहले प्राथमिक शाला में 3 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई, प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में पदोन्नति भी की गई, फिर भी 212 प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन क्यो है,? 6872 प्राथमिक शाला एकल शिक्षकीय क्यो है,? क्यो 48 पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन है और क्यो 255 पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय है, जबकि शिक्षा विभाग ने शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय शाला में पहले पोस्टिंग का आदेश दिया था, इसके लिए शिक्षा विभाग जिम्मेदारी तय करे।
23 शिक्षक संगठनों ने मिलकर शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ गठित किया है, साझा मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, सुधीर प्रधान, वाजिद खान, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहु, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, डॉक्टर कमल वैष्णव, मनोज सनाढ्य, शैलेंद्र पारीक ने कहा है कि सेटअप 2008 के अनुसार युक्तियुक्तकरण, सोना साहू के तर्ज पर प्रदेश के सभी पात्र शिक्षकों को एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान देने के लिए जनरल आर्डर जारी करने, पूर्व सेवा (प्रथम सेवा) गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ देने एवं प्राचार्य व व्याख्याता पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को लेकर 28 मई को मंत्रालय घेराव किया जाएगा।