“ये विश्वासघात हुआ है” वेतन विसंगति की मांग पूरी नहीं पर मनीष मिश्रा ने जतायी नाराजगी, बोले, हजारों सहायक शिक्षकों की उम्मीदें टूटी

रायपुर 3 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ का बजट आज विधानसभा में पेश कर दिया गया। इस बजट में राज्य सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया, हालांकि इस फैसले ने खुश होने के बजाय कर्मचारी वर्ग को और नाराज कर दिया। खासकर शिक्षकों को। सहायक शिक्षकों की अगुवाई करने वाले सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने बजट में उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिये जाने पर तीखी नाराजगी जतायी है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा है कि सरकार ने उनकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
मोदी की गारंटी के तहत वेतन विसंगति को दूर करने का जो वादा किया गया था, वो दूसरी बजट में भी पूरा नहीं किया गया। बिना एरियर के महंगाई भत्ता का ऐलान कर सरकार ने उन्हें छला है। मनीष मिश्रा ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति, शिक्षकों की प्रथम सेवा गणना कर लाभ दिये जाने जाने, एरियर्स सहित महंगाई भत्ता दिये जाने सहित अन्य मांगों पर सरकार जरूर विचार करेगी। लेकिन सरकार शिक्षकों की मांगों को सिरे से खारिज कर दिया।
मनीष मिश्रा ने कहा कि वेतन विसंगति के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से लेकर वित्त मंत्री तक का आश्वासन मिला था। सभी मोदी की एक-एक गारंटी को पूरा करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन आज एक भी गारंटी पर घोषणा नहीं कर कर 4 लाख कर्मचारियों का अपमान करने का काम किया गया है। फेडरेशन की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा के अलावे बसंत कौशिक, सिराज बक्स, सुरजीत, अश्वनी कुर्रे, चौहान ईश्वर चन्द्राकर, तरुण वैष्णव, राजू टंडन, संतोष यादव, राजा राम पटेल, पुरुषोत्तम घाणी, शेषनाथ पांडे, उषा चन्द्राकर. संकीर्तन नंद, दिनेश नायक, राजेश मिश्रा, अशोक ध्रुव, शंकर नेताम, कोमल साहू, रवींद्र राठौर, दिनेश राठौर, सुरेन्द्र नेताम, देवेंद्र हर्मुख, उत्तम सिन्हा, संदीप पांडे, अजय गुप्ता, विश्वाश भगत, धीरेन्द्र माघी, देव नारायण गुप्ता आदि ने भी रोष जताया है।