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कभी नक्सलियों का ट्रेनिंग सेंटर कहा जाता था ये गांव, आजादी के बाद आज पहली बार इस गांव में लोगों ने डाला वोट

रायपुर/बस्तर 19 अप्रैल 2024।  कभी नक्सलियों का ट्रेनिंग सेंटर कहे जाने वाले घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरे उड़ीसा सीमा से लगे छत्तीसगढ़,बस्तर के अंतिम छोर पर बसे एक ऐसा गांव चंदामेटा। इस गांव में आजादी के बाद पहली बार मतदान हुआ,जिसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर यहां चुनाव संपन्न कराने सारी समुचित व्यवस्था की गई थी।

वहीं सुरक्षा के लिहाज से यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया था। इस गांव में हुए पहली बार मतदान को लेकर यहां के मतदाताओं में गजब का उत्साह दिखाई दिया,लिहाजा लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेकर लोगों ने बड़ी संख्या में मतदान किए।

आंकड़ों के मुताबिक इस गांव में कुल 325 में से 163 पुरूष और 162 महिला मतदाता शामिल है, जहां आज निर्धारित समय के अनुसार सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक मतदान संपन्न हुआ। एक ओर बस्तर के नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना किसी चुनौती से कम नहीं ऐसे में चांदामेटा गांव में पहली बार हुए मतदान ने बदलते बस्तर की उदहारण पेश की है।

बताते है कि चांदामेटा गांव को एक दौर में नक्सलियों का गढ़ कहा जाता था,जहां नक्सली माओवाद संगठन से जुड़े सदस्यों को ट्रेनिंग दिया करते थे, जहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं होता था,ऐसे में प्रशासन ने वहां पहुंचकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराया और वापस लौट आए,गांव में हुए पहली बार मतदान को लेकर ग्रामीण काफी उत्साहित नजर आ रहे थे।

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