Vastu Shastra : तवे से जुड़े वास्तु टिप्स, रसोईघर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण

Vastu Shastra : वास्तु शास्त्र में रसोईघर और उसमें रखी वस्तुओं का विशेष महत्व है, क्योंकि भोजन का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य, मनोदशा और ऊर्जा पर पड़ता है। रसोई में तवा, जो एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, से जुड़ी कुछ खास वास्तु मान्यताएँ हैं, जिनका पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और अनदेखी करने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Vastu Shastra : तवे से जुड़े वास्तु टिप्स

तवे से जुड़े प्रमुख वास्तु नियम:
तवे को हमेशा साफ रखें
गंदा या जला हुआ तवा नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है। यह परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। तवे को हर बार उपयोग के बाद अच्छे से धोकर रखना चाहिए।तवे को रसोईघर में दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर की दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) अग्नि तत्व की दिशा मानी जाती है, जो तवे जैसी वस्तुओं के लिए उपयुक्त होती है।रात को तवा धोकर ही रखें
रात को खाना बनाने के बाद तवे को बिना धोए नहीं छोड़ना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता और कलह का वातावरण बन सकता है।तवे को उल्टा करके न रखें
तवे को उल्टा करके रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और यह आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। हमेशा तवे को सीधा और ढककर रखना चाहिए।टूटे या फटे तवे का प्रयोग न करें
यदि तवा पुराना, जंग लगा हुआ या फटा हुआ है, तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए। ऐसा तवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।तवे का स्थान बार-बार न बदलें
रसोईघर में तवे का एक निश्चित स्थान होना चाहिए। बार-बार स्थान बदलने से स्थिरता में बाधा आती है और यह पारिवारिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।