VIDEO : हार के बाद सरोज पांडे ने कहा…..”अब मैं 5 साल क्षेत्र में सांसद के तौर पर आपका काम करूंगी”, सरोज पांडे के इस बयान ने कांग्रेस से ज्यादा BJP की बढ़ाई टेंशन

कोरबा 9 जुलाई 2024। लोकसभा चुनाव में करारी हार के ठीक एक महीने बाद सरोज रविवार को कोरबा पहुंची। मतदाता अभिनंदन कार्यक्रम के एक बार फिर पुराने तेवर दिखाते हुए कहा कि चुनाव में सबने काफी मेहनत की थी, और बहोत मेहनत के बाद अगर परिणाम अनुकूल नही आया, तो इसके बहुत सारे कारण है। हम चुनाव हार,लेकिन गणित-समीकरण में हम हारे है। लेकिन अब मैं अगले 5 साल आपकी सांसद के तौर पर आपका काम करूंगी। कोरबा में सरोज पांडे के दिये इस बयान के बाद कांग्रेस के साथ बीजेपी के खेमे में टेंशन बढ़ गया है। टेंशन इस बात की कि अगर सरोज पांडे ने कोरबा में डेरा डाल दिया, तो कई राजनेताओं का राजनीति भविष्य हासिये पर चली जायेगी।

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लोकसभा चुनाव के परिणाम आये आज पूरे 35 दिन हो गये है। 4 जून को आये परिणाम में पूरे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कोरबा लोकसभा सीट का नाम सुर्खियों में रहा। सुर्खियों में इसलिए क्योंकि दोनों राज्यों में एक मात्र कोरबा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। सुर्खियां इसलिए भी बनी कि सूबे की सबसे कमजोर मानी जाने वाली इस सीट से बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे को करारी हार का सामना करना पड़ा। खैर चुनाव हारने के राजनीतिक गलियारे में चर्चा थी कि सरोज पांडे अब दिल्ली की राजनीति मेें व्यस्त हो जायेगी। लेकिन राजनेताओं के इन सारे कयासों पर सरोज पांडे ने रविवार को उस वक्त विराम लगा दिया, जब वह दादर खुर्द में जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने पहुंची। कोरबा प्रवास पर पहुंची सरोज पांडे ने दूसरे दिन ही मतदाता अभिनंदन कार्यक्रम के जरिये पार्टी कार्यकर्ताओं में फिर से जोश भरने का काम किया।

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मंच से सरोज पांडे ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के साथ ही कई चुनाव हारने को लेकर इशारों में कई सवाल भी खड़े किये। सरोज पांडे ने पहले ही कार्यक्रम में स्पष्ट कह दिया कि हम भले चुनाव हार गए हो परंतु 5 लाख 26 हजार लोगों ने हम पर विश्वास किया है। मैं जिन बातों को लेकर कोरबा लोकसभा में चुनावी रण में उतरी थी, उन बातों और वादों को 5 साल इस क्षेत्र में रहकर आपके कंधे से कंधा मिलाकर पूरा करूंगी। सरोज पांडे ने कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भले ही कांग्रेस प्रत्याशी जीत गई, हो लेकिन वह इस क्षेत्र में कोई भी कार्य नहीं कर पाएंगे। सरोज पांडे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब वह इसी क्षेत्र में घर ले रही है और यहां रहकर सांसद के तौर पर क्षेत्र की जनता का काम करेंगी। सरोज पांडे के इस बयान के बाद कांग्रेस और बीजेपी के खेमे में टेंशन हाई हो गया है।

राजनीतिक जानकारों की माने तो सरोज पांडे यदि कोरबा में रहकर अपनी राजनीति करती है, तो इसका असर कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के उन नताओं पर सीधे तौर पर पड़ेगा, जिन्हे 5 साल बाद विधानसभा या लोकसभा चुनाव टिकट मिलने की उम्मींद है। बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते सरोज पांडे का कई केंद्रीय मंत्रियों से अच्छे संबंध है। जिसका फायदा वो सीधे तौर पर जिलेवासियों के पक्ष में दिला सकेंगी। ऐसे में सरोज पांडे के कोरबा लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय होने से इसका सीधा असर यहां के कद्दावर नेता और उनके समर्थकों पर भी पड़ना लाजमी है। खैर मौजूदा वक्त में बीजेपी और कांग्रेस नगर निगम चुनाव की तैयारी में जुट गयी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि क्या सरोज पांडे के कोरबा में सक्रिय होने पर इसका असर नगर निगम चुनाव में पड़ेगा ? क्या पार्टी एक बार फिर सरोज पांडे पर भरोसा जताकर उनके करीबी को महापौर का दावेदार बनायेगी ? या फिर सरोज पांडे की सक्रियता से कोरबा बीजेपी में खेमेबाजी और बढ़ जायेगी ? ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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