छत्तीसगढ़ में उद्योग क्यों हो रहे हैं बंद? नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर उद्योग मंत्री बोले, कांग्रेस शासनकाल में भी 18 बंद हुए थे, मजदूरों के मुआवजा पर कहा…

रायपुर  27 फरवरी 2025। प्रदेश में बंद हो रहे उद्योगों का मुद्दा आज विधानसभा में उठा। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन से सवाल पूछा कि छत्तीसगढ में नयी उद्योग नीति बनी है, जिसमे उद्योगों को बढ़ावा देने की बात की जा रही है। दूसरी तरफ उद्योग बंद होते जा रहे हैं। उन्होंने बंद पड़े इंडक्शन फर्नेस तथा रोलिंग मिलों के कर्मचारियों के नियोजन का भी मुद्दा उठाया।

महंत ने पूछा, कि जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक कितने उत्पादन केंद्र बंद हुए? जवाब में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा,
पाँच उद्योग बंद हुए हैं। हालांकि सरकार की योजना अनुरूप अनुदान दिया गया था, लेकिन वित्तीय कारणों की वजह से उद्योग बंद हुए हैं। मंत्री ने कहा कि 2023 में कांग्रेस शासन काल के दौरान भी 18 उद्योग बंद हुए थे। बीते पाँच साल में 27 उद्योग बंद हुए हैं।


जवाब के बाद डॉ चरणदास महंत ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर पंडरिया में शक्कर कारखाना शुरू हुआ था,28 फ़रवरी को इसे बंद कर दिया गया क्यूंकि गन्ने का भुगतान नहीं किया गया। भोरमदेव का शक्कर कारखाना और बालोद का शक्कर कारखाना भी बंद कर दिया गया है। कांग्रेस सरकार ने एक रिवॉल्विंग फण्ड बनाया था,  जिससे भुगतान होता है,यदि कारखाने इस तरह से बंद होते रहे तो कैसी औद्योगिक नीति बना रहे हैं, उद्योग बंद होने पर कारखाना अधिनियम में मुआवजा देने का प्रावधान है. क्या मजदूरों को मुआवजा का भुगतान किया गया है?

उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने कहा कि मजदूरों को मुआवजा नहीं दिया गया है। श्रम अधिनियम के अनुसार मजदूरों के भुगतान की प्रक्रिया की जाएगी। जो नियम में होगा वैसा किया जाएगा

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