भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस: प्रशासनिक सेवाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार निरोध को लेकर सख्त विष्णु देव साय की सरकार

रायपुर 20  मई 2025 सीएम विष्णुदेव साय की सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जा रहा है। जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी मौजूदा सरकार के लिए सर्वोपरि है। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आम

जन के अधिकारों का दुरुपयोग न करे, और यदि करता है तो उसे तत्काल विधिसम्मत कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ ताबड़तोड़ तरीके से प्रदेश भर में हो रही कार्रवाई, दरअसल कार्रवाई नहीं, बल्कि सुशासन का संकल्प है। ये सरकार के सुशासन का ही संकल्प और नतीजा है कि आमजन के अधिकारों का दुरुपयोग करने वाले कई आईएएस समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।

अफसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भ्रष्टाचार के मामले दर्ज कर जांच किए जा रहे हैं। प्रशासनिक सेवाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार निरोध को लेकर सरकार ने आश्वास्त किया है कि सभी भ्रष्टाचार मामलों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ में अलग-अलग प्रोजेक्ट में सैकड़ों करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा घोटाला सामने आ चुका है। लेकिन विष्णु देव साय सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति की वजह से हर एक केस में खुलासे के बाद जांच और कार्रवाई का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। भारतमाला परियोजना हो या फिर अरपा-भैंसाझार नहर परियोजना इसके अलावा प्रदेश में विष्णु देव साय की सरकार बनने से पहले के पीएसएसी घोटाला, डीएमएफ घोटाला, रिएजेंट घोटाला के मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है।

क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। गड़बड़ी में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनकल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

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भ्रष्टाचार की जड़ें खत्म कर रहा डिजिटल तकनीक

छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-ऑफिस प्रणाली लागू की है, जिसके माध्यम से सरकारी दस्तावेजों का प्रबंधन, सुरक्षा और फाइलों का निपटारा तेजी से किया जा रहा है। इस कदम से न केवल सरकारी प्रक्रिया की गति बढ़ी है, बल्कि कामकाज में पारदर्शिता भी आई है। इस पहल से न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बना रही है, बल्कि आम जनता के लिए सरकार के द्वार खोल रही है।

विष्णु के सुशासन में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉरलेंस की नीति अपनाते हुए छत्तीसगढ़ जिस तेजी से डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ा रहा है, वह न केवल राज्य के वर्तमान को समृद्ध बना रहा है, बल्कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेगा। यह डिजिटल क्रांति प्रदेश के विकास की कहानी का नया अध्याय लिख रही है और छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा में ले जा रही है। छत्तीसगढ़ में राजस्व प्रशासन में नई तकनीकों के माध्यम से नवाचार शुरू किया गया है। जमीन, मकान की रजिस्ट्री में 10 नए मूलभूत सुधार किए गए हैं। इसी तारतम्य में राजस्व प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त करने जियो-रिफ्रेसिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस नई तकनीक के लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रूपए का प्रावधान करने के साथ-साथ राजस्व से जुड़े अमलों की व्यवस्था और उनके प्रशिक्षण की रणनीति बनाई गई है। जियो-रिफ्रेसिंग से भू-स्वामियों को जमीन संबंधी विभिन्न विवादों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ राज्य में किसानों द्वारा लगाई गई फसल का डिजिटल क्रॉप सर्वे होने से ई-गिरदावरी में आसानी होगी।

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जियो रिफ्रेसिंग के माध्यम से भूमि के नक्शों के लिए खसरा के स्थान पर यू.एल. पिन नंबर दिया जाएगा। इसके साथ ही भूमिधारक को भू-आधार कार्ड भी मिलेगा। राज्य में डिजिटल फसल सर्वेक्षण खरीफ वर्ष 2024 का कार्य सितंबर-2024 से प्रारंभ किया गया है। राज्य के 20,222 ग्रामों में से पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में 2700 ग्रामों के कुल 26,05,845 खसरों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण का लक्ष्य रखा गया था। निर्धारित लक्ष्य में से 24,22,897 खसरा नंबरों का सर्वे पूर्ण किया जा चुका है एवं 23.96,793 खसरा नंबरों का सत्यापन कार्य किया जा चुका है। इस प्रकार निर्धारित लक्ष्य अनुसार 93 प्रतिशत खरीफ फसल का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया गया है।

 

पूरा कर रहे सुशासन का संकल्प

छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन तिहार के माध्यम से एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के प्रति उसकी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आमजन के अधिकारों का दुरुपयोग न करे, और यदि करता है तो उसे तत्काल विधिसम्मत कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से लेकर दो-दो डिप्टी सीएम और प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने सुशासन तिहार के तहत प्रदेशभर का दौरा किया। सांसद और विधायकों ने भी सुशासन तिहार के माधअयम से लोगों की समस्याएं सुनीं।

साथ ही इस दौरान जहां भी भ्रष्टाचार, लेन-देन की शिकायतें हुईं, तत्काल कार्रवाई हुई। बेमेतरा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े तीन संविदा कर्मियों हितग्राहियों से रिश्वत मांगने एवं डरा-धमकाकर वसूली करने की पुष्टि के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस कार्रवाई को सुशासन तिहार के मूल उद्देश्य का प्रमाण बताया है। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी सर्वोपरि है। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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कितना भी रसूखदार हो, सजा मिलेगी: साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दो टूक कहा है कि भाजपा सरकार की नीति भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की है। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर, किसी भी रूप में हो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार का आरोपी चाहे कितना ही रसूखदार हो, उसे अपने कृत्यों की सजा मिलकर रहेगी।

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