पीले केले की अपेक्षा लाल केले की खेती से होती है तगड़ी कमाई,जाने तरीका

पीले केले की अपेक्षा लाल केले की खेती से होती है तगड़ी कमाई

पीले केले की अपेक्षा लाल केले की खेती से होती है तगड़ी कमाई,जाने तरीका,केले की डिमांड पुरे साल ही बनी रहती है।जिसकी वजह है कि किसान बड़ी संख्या में केले की खेती करते हैं। लेकिन केले की कई ऐसी किस्म है जिसकी बाजार में सामान्य केले के मुकाबले अधिक मांग होती है।जो सामान्य केले के मुकाबले 1.5 से 2 गुना ज्यादा रेट पर भी मार्केट में बिकते हैं,आइये आज हम आपको इस खेती को करने में कितनी लागत लगेगी बताते है तो बने रहिये अंत तक-

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पीले केले की अपेक्षा लाल केले की खेती से होती है तगड़ी कमाई,जाने तरीका

 

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लाल केले की खेती सबसे ज्यादा कहा होती है-

आपकी जानकारी के लिए बता दे की लाल केले की खेती सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे दुनिया भर में इसकी खेती का विस्तार हुआ।अमेरिका, वेस्ट इंडीज, मैक्सिको आदि देश में भी अब इस खास केले की खेती करना शुरू कर दी गई है। और अब तो भारत के किसान भी लाल केले की खेती कर रहे हैं।केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, यूपी राज्य में इस केले की खेती काफी हो रही है।इस केला की मांग की एक बड़ी वजह इसमें बीटा कैरोटीन का पाया जाना भी है।ये केला जितना ज्यादा सुंदर दिखता है,उससे कहीं अधिक सुंदर इसका स्वाद होता है।पीले केले की अपेक्षा अधिक औषधीय गुण की वजह से इसकी डिमांड काफी ज्यादा है।

केले की खेती के लिए कैसी मिटटी होनी चाहिए

केले की खेती के लिए अधिक जलधारण वाली दोमट मिट्टी सबसे सही मानी जाती है। झील, नदी, तालाब आदि की किनारे वाली नम भूमि पर केले की रोपाई कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है।इसके लिए आपको सबसे पहले 50×50×50 सेंटीमीटर के आकार का गड्ढा खोद लेना है।और फिर गड्ढे को गोबर की खाद या जैविक खाद से भर दें।इसके बाद गड्ढे में हल्की सिंचाई कर देना है फिर इसके बाद पौधों की रोपाई शुरू कर दें।

पीले केले की अपेक्षा लाल केले की खेती से होती है तगड़ी कमाई

लाल केले की खेती में प्रति पौधा खाद की आवश्यकता 18 से 20 किलोग्राम तक होती है। अगर किसान 100 पौधा लगा रहे हैं तो कम से कम 2000 किलो जैविक खाद की जरूरत होती है। खाद एवं उर्वरक का अच्छा लाभ लेने के लिए मिट्टी की जांच जरूर करा लेनी चाहिए। मिट्टी की जांच के अनुसार कृषि सलाहकार से सलाह लेते हुए पोटाश, यूरिया आदि की मात्रा तय करें।जिससे की केले की पैदावार में वृद्धि हो सकती है।

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कब होती है सिंचाई

आपकी जानकारी के लिए बता दे की गर्मी के समय 15 से 20 दिन के अंतराल पर, जबकि ठंडी के समय 25 से 30 दिन के अंतराल पर सिंचाई करना आवश्यक होता है। और सिंचाई छिड़काव विधि से किया जाना ही सबसे सही माना जाता है तो आप इस तरीके से केले के पौधो में सिचाई कर सकते है।

पीले केले की अपेक्षा लाल केले की खेती से होती है तगड़ी कमाई

यदि हम लाल केले की पैदावार के बारे में बात करे तो लाल केले की पैदावार पीले केले के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। आपको बता दे की केले के एक गुच्छे में लगभग 100 केले लग जाते हैं।बाजार में इस केले का रेट 200 रुपए दर्जन मतलब की 16 रुपए प्रति केला है। अगर किसान इसे थोक भाव में भी बेचे तो मोटी कमाई कर सकते है।और हम लाल केले से होने वाली कमाई की बात करें तो एक एकड़ में केले के लगभग 600-700 पेड़ लगाए जा सकते हैं।

कुछ ऐसा होता है रिजल्ट

अगर 500 केले का पेड़ भी सुरक्षित रहता है तो एक केले के पेड़ में 5 से 7 गुच्छे निकलते हैं। एक गुच्छे में 100 केले होते हैं, अगर थोक भाव में किसान 5 रुपए प्रति केले भी बेचे तो 500 रुपए प्रति गुच्छा कमाई कर सकते है। 500 पेड़ में 2500 गुच्छे होंगे। इसलिए सालाना कमाई 2500×500 हो सकती है, इस तरह किसान साल में 12 लाख 50 हजार रुपए कमा सकते हैं। अगर लागत और मेहनत के 4 लाख रुपए कम भी कर दें फिर भी किसान को मुनाफा 8 लाख से 8 लाख 50 हजार रूपये तक हो सकता है।

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