ब्रेकिंग : अखिल भारतीय सेवा के काडर नियम संशोधन का CM भूपेश ने जताया विरोध… मुख्यमंत्री ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र…. “इससे अफसरों के मन अस्थिरता व असमंजस की भावना आयेगी… चुनाव में निष्पक्षता पर उठेंगे सवाल”….. पढ़िये क्या होना है संशोधन..

रायपुर 21 जनवरी 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के कैडर नियम में संशोधन का विरोध किया है। केंद्र सरकार ने नियमों में संशोधन को लेकर राज्यों से अभिमत मांगा था, आज छत्तीसगढ़ सरकार ने संशोधन पर विरोध जताते हुए अपना अभिमत सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री ने अपने अभिमत में लिखा है कि इस तरह के संशोधन ने ना सिर्फ अफसरों के मन में अस्थिरता की भावना आयेगी, बल्कि उससे कामकाज भी प्रभावित होगा। मुख्यमंत्री ने काडर नियमों में परिवर्तन का विरोध जताया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय संवर्ग के अधिकारी राज्यों में अलग-अलग महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहण कर रहे होते हैं, अगर नियमों में संशोधन किया जाता है तो अधिकारियों में ना सिर्फ अस्थिरता की भावना आयेगी, बल्कि शासकीय जिम्मेदारी को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनेगी। मुख्यमंत्री ने आशंका जतायी है कि काडर नियमों में संशोधन के बाद निष्पक्ष चुनाव भी करा पाना संभव नहीं होगा।

क्या होने वाला था संशोधन

हाल ही में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने राज्यों को लिखा था कि केंद्र सरकार ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर) नियम-1954’ के नियम 6 (कैडर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति) में संशोधन करने का प्रस्ताव करती है।इसके तहत केंद्र सरकार IAS और IPS अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के माध्यम से स्थानांतरित करने हेतु राज्य सरकारों की मंज़ूरी लेने की आवश्यकता को समाप्त करने हेतु अधिभावी शक्तियों का अधिग्रहण करेगी।

  • एआईएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति और वर्तमान नियम:
    • सामान्य व्यवहार में केंद्र हर साल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर जाने के इच्छुक अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों की “प्रस्ताव सूची” मांगता है जिसके बाद वह उस सूची से अधिकारियों का चयन करता है।
    • अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति हेतु राज्य सरकार से मंज़ूरी लेनी होती है।
    • राज्यों को केंद्र सरकार के कार्यालयों में अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करनी होती है और किसी भी समय यह कुल संवर्ग की संख्या के 40% से अधिक नहीं हो सकती है।
  • प्रस्तावित संशोधन:
    • यदि राज्य सरकार किसी राज्य कैडर अधिकारी को केंद्र में नियुक्ति करने में देरी करती है और निर्दिष्ट समय के भीतर केंद्र सरकार के निर्णय को लागू नहीं करती है, तो अधिकारी को केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट तिथि से कैडर से मुक्त कर दिया जाएगा।
    • केंद्र, राज्य के परामर्श से केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्त किये जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या तय करेगा।
    • केंद्र और राज्य के बीच किसी भी असहमति के मामले में केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाएगा और राज्य, केंद्र के फैसले को लागू करेगा।
    • विशिष्ट स्थितियों में जब केंद्र सरकार द्वारा “जनहित” में कैडर अधिकारियों की सेवाओं की आवश्यकता होती है, राज्य अपने निर्णयों को एक निर्दिष्ट समय के भीतर प्रभावी करेगा।
  • DoPT का पक्ष:
    • डीओपीटी ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रालयों में अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) अधिकारियों की कमी के मद्देनज़र यह फैसला ले रहा है।
    • डीओपीटी के अनुसार, राज्य केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिये पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को प्रायोजित नहीं कर रहे हैं और अधिकारियों की संख्या केंद्र में आवश्यकता को पूरा करने के लिये पर्याप्त नहीं है।

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