शिक्षक संगठनों के साथ DPI की ढ़ाई घंटे चली बैठक, प्रमोशन, ऑनलाइन छुट्टी, क्रमोन्नति सहित कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा, शिक्षक संगठनों ने पूरजोर तरीके से रखी बातें

रायपुर 7 अगस्त 2024। शिक्षक संगठनों के साथ DPI की ढाई घंटे चली बैठक खत्म हो गयी है। बैठक का मूल एजेंडा पदोन्नति व ग्रेडेशन लिस्ट ही थी, लेकिन शिक्षक संगठनों ने शिक्षकों से जुड़ी तमाम परेशानियों को रखा। आज की बैठक में करीब 15 शिक्षक संगठन मौजूद थे, जिन्होंने प्रमोशन से लेकर क्रमोन्नति, ऑनलाइन अवकाश, अन्य वर्गों की पदोन्नति सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा की। अरसे बाद ये मौका था, जब शिक्षक संगठनों को डीपीआई ने बुलाकर उनसे शिक्षक वर्ग की समस्याओं के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की है। बैठक के प्रारंभ में डीपीआई दिव्या उमेश मिश्रा ने शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और त्रुटिरहित ग्रेडेशन लिस्ट जारी करने के संदर्भ में चर्चा की। बैठक के दौरान शालेय शिक्षक संघ से विरेंद्र दुबे, संयुक्त शिक्षक संघ केदार जैन और गिरिजाशंकर शुक्ला, टीचर्स एसोसिएशन से संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन से बसंत कौशिक व ईश्वर चंद्राकर, छत्तीसगढ़ व्याख्याता पदोन्नति समिति से मुकुंद उपाध्याय, छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन से राजेश चटर्जी,  छत्तीसगढ़ कांग्रेस से अनिल शुक्ला सहित 15 संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

प्रमोशन व वरिष्ठता सूची के लिए मांगा सहयोग

शिक्षक संगठनों के साथ बैठक में डीपीआई ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार व्याख्याता से प्राचार्य और शिक्षक से व्याख्याता के प्रमोशन को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ाना चाहती है।हालांकि कई दौर की वरिष्ठता सूची जारी होने के बाद भी सूची में गड़बड़ियां खत्म नहीं हो रही है, लिहाजा, प्रमोशन में देरी हो रही है।  डीपीआई ने शिक्षक संगठनों से अपील की, कि संभाग व डीपीआई स्तर पर शिक्षक संगठन के प्रतिनिधि वरिष्ठता सूची तैयार करने में सहयोग दें। डीपीआई ने इसके लिए शिक्षक संगठनों से कुछ पदाधिकारियों के नाम को प्रस्तावित करने का भी अनुरोध किया।

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संभागवार वरीष्ठता सूची के अवलोकन का शेड्यूल हुआ तय

शिक्षक संगठनों की तरफ प्रत्येक संभाग के लिए 5-5 नाम मांगे गये थे। ये प्रतिनिधि डीपीआई आयेंगे और वरीष्ठता सूची का अवलोकन करेंगे। अगर सूची में गड़बड़ियां होगी, तो तुरंत उसमें सुधार कर दिया जायेगा। इसी तारतम्य में शिक्षक संगठनों की संभागवार तारीख भी तय कर दी गयी है। व्याख्याता पदोन्नति समिति से मुकुंद उपाध्याय ने बताया है कि वरीष्ठता सूची के अवलोकन के लिए 22 अगस्त को रायपुर, 23 अगस्त को दुर्ग, 27 अगस्त को बिलासपुर, 28 अगस्त को सरगुजा औऱ 29 अगस्त को बस्तर संभाग की तारीख रखी गयी है। तय तारीख को अलग-अलग शिक्षक संगठन के नामित प्रतिनिधि आयेंगे और वरीष्ठता का अंतिम अवलोकन करेंगे। 15 मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि 15 सितंबर को फाइनल वरीष्ठता सूची जारी कर दी जायेगी।

आनलाइन छुट्टी को लेकर हुई चर्चा

आनलाइन छुट्टी को लेकर भी आज की बैठक में चर्चा की गयी। बैठक में शिक्षक संगठन ने आनलाइन अवकाश नियम को अव्यवहारिक बताया। शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र दुबे ने डीपीआई के सामने ऑनलाइन छुट्टी को लेकर आने वाली परेशानियों को रखा। उन्होंने कहा कि आकस्मिक अवकाश को ऑनलाइन स्वीकृत किया जाना अनुचित है। जिस पर डीपीआई ने कहा कि अभी ऑनलाइन अवकाश को प्रयोगात्मक रूप में लागू किया गया है, अगर उसमें कुछ दिक्कतें आयेगी, तो उसमें संशोधन भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अवकाश को लेकर कई बार शिकायतें भी आती थी, ऐसे में अगर आनलाइन आवेदन किया जायेगा, तो उन परेशानियों से ना सिर्फ शिक्षक दूर रहेंगे, बल्कि कई बार शिक्षकों के अवकाश आवेदन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने जैसी शिकायतें भी दूरी होगी। उन्होंने कहा कि अभी छुट्टी को आनलाइन किये जाने की प्रक्रिया का विभाग मॉनिटरिंग कर रहा है, अगर इसमें संशोधन की जरूरत होती है, तो वो भी किया जायेगा।

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अध्यक्ष-सचिव को डीपीआई आने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं

पिछले दिनों डीपीआई ने आदेश जारी कर शिक्षक संगठनों को मुलाकात के लिए दिन और समय नियत कर दिया था। इसे लेकर कई शिक्षक संगठनों की तरफ से आज की बैठक में नाराजगी जतायी गयी। संयुक्त शिक्षक संघ की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन और उप प्रदेश अध्यक्ष गिरिजा शंकर शुक्ला ने इस पर मुखरता ने अपनी बातों को रखा। नेताद्वय ने बताया कि अनुमति लेकर डीपीआई आने का निर्देश सर्वथा अनुचित है। इससे शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण हो ही नहीं पायेगा। जिसके बाद डीपीआई ने कहा कि अध्यक्ष और सचिव को डीपीआई आने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होगी। वो पूर्व की भांति आकर अपनी बातों को रख सकते हैं।

क्रमोन्नति का मुद्दा भी बैठक में उठा

बैठक में टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने क्रमोन्नति का मुद्दा उठाया। डीपीआई को संजय शर्मा की बातों को सुनने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के बाद निर्णय लेने की बात कही।

शिक्षक के अन्य वर्ग के प्रमोशन

बैठक में प्रमोशन के मुद्दों में अन्य वर्ग की पदोन्नति की मुद्दा भी उठाया। बी लिब, प्रयोगशाला सहायक व फिजिकल टीचर के प्रमोशन को लेकर भी आज की बैठक में चर्चा की गयी।

वरिष्ठता निर्धारण को लेकर भी हुई चर्चा

आज की बैठक में कई शिक्षक संगठनों ने वरिष्ठता निर्धारण को लेकर भी चर्चा की। डीपीआई ने इस पर कहा कि इस मुद्दे पर अलग से चर्चा कर, परेशानियों को दूर करने की कोशिश  की जायेगी।

विरेंद्र दुबे ने बताया बैठक को सकारात्मक

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विरेंद्र दुबे ने कहा कि आज की बैठक काफी सकारात्मक रही। शिक्षक संगठनों का उद्देश्य हमेशा से सरकार के प्रति सहयोगात्मक रहा है। ऐसे में डीपीआई की तरफ से जो सहयोग मांगा गया है, हमलोग उसे जरूर पूरा करेंगे। शालेय शिक्षक संघ की तरफ से हमने शिक्षकों की मांगों को पूरजोर तरीके से रखा है। फिर चाहे बात प्रमोशन की हो या फिर आनलाइन अवकाश की। हमने हर बातों पर अपने संगठन का रुख स्पष्ट कर दिया है। डीपीआई की तरफ से सकारात्मक संकेत मिला है, उम्मीद है शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण अब सरलता के साथ होगा।

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संजय शर्मा ने डीपीआई की पहल को सराहा

टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बैठक के बाद कहा कि डीपीआई की पहल काफी अच्छी रही। अरसे बाद इस तरह की आमने-सामने की चर्चा से शिक्षकों के मन में अधिकारियों के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा और समस्याओं के निराकरण की उम्मीद भी जगेगी। डीपीआई ने सभी संगठन की बातों को गंभीरतापूर्वक सुना। जिन संदर्भों में हमारे प्रश्न थे, उसे लेकर पॉजेटिव पॉरस्पेक्ट के बारे में भी बताया। हमने अगर उस विषय पर अपनी परेशानी बतायी, तो उसे भी समझा। संजय शर्मा ने कहा कि क्रमोन्नति का मुद्दा हमने उठाया, डीपीआई ने इस पर सकारात्मक संकेत दिये हैं।

केदार जैन और गिरिजाशंकर शुक्ला ने रखी बात

बैठक में संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन और उप प्रांताध्यक्ष गिरिजाशंकर शुक्ला ने भी संगठन का पक्ष रखा। नेताद्वय ने अनुमति लेकर डीपीआई आने के निर्णय का पूरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक संगठन 2 लाख से ज्यादा शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कई विषय ऐसे होते हैं, जिस पर विभाग का ध्यान अविलंब आकर्षित करना होता है, ऐसे में अगर समय और दिन के मुताबिक मुलाकात और अनुमति लेने के प्रक्रिया करने में संगठन लगे रहे, शिक्षकों का कभी काम ही नहीं हो पायेगा। बैठक के बाद केदार जैन और गिरिजाशंकर शुक्ला ने कहा कि डीपीआई ने शिक्षक संगठनों से कुछ विषय पर सहयोग भी मांगा है, हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि संगठन की तरफ से हमेशा सहयोग रहेगा, लेकिन विभाग से भी अनुरोध है कि वो शिक्षक हित के बारे में जरूर सोचे। डीपीआई ने भी सकारात्मक संकेत दिये हैं।

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