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हुनर को हौसला दे रही है भूपेश सरकार: वनवासी प्रतिभा को निखारने जशपुर में खुला एकलव्य खेल अकादमी…खेल और खिलाड़ियों का हब बनता जा रहा है छत्तीसगढ़

रायपुर, 24 फरवरी 2023। भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों की दशा भी सुधरी है और खेलों की दिशा भी बदली है। छत्तीसगढ़ अब अलग-अलग खेलों में विश्व की मानचित्र पर उभरता जा रहा है। फिर चाहे बात अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले की हो या फिर बात छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने मुकाम बनाने की। प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों दोनों का डंका बज रहा है। छत्तीसगढ़ की जो प्रतिभा पहले गावों में ही दम तोड़ दिया करती थी, अब उस हुनर को मंच भी मिल रहा है और हुनर को निखारने के लिए ट्रेनर की भी व्यवस्था हो रही है। प्रदेश में ट्रेनिंग सेंटर, मैदान की तो विकासखंड व जिलास्तर पर व्यवस्थाएं हो ही रही है, खिलाड़ियों को संसाधन भी खूब मिल रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 91 लाख 98 हजार की लागत से एकलव्य खेल अकादमी, तीरंदाजी सेंटर को तैयार किया गया है। खेलों को प्रोत्साहित के लिए “खेलबो, जीतबो, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” का नारा भी दिया गया। इसी नारे के अनुरूप छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए माहौल भी बनाने की कवायद भी तेज हो गई और निरंतर खेल व खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

अकादमी में प्रशिक्षण के साथ-साथ पढ़ाई की भी व्यवस्था

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जशपुर प्रवास के दौरान खेल अकादमी की घोषणा की थी। जशपुर में मुख्यमंत्री की घोषणा पर त्वरित अमल हुआ है। 91 लाख 98 हजार की लागत से एकलव्य खेल अकादमी तीरंदाजी केन्द्र बनकर तैयार हो गया है। इस अकादमी में जिले के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के प्रतिभावान छात्रों की प्रतिभा को निखारने एवं उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का सिलसिला चल रहा है। रंजीता स्टेडियम के परिसर में तीरंदाजी केन्द्र एवं एकलव्य खेल अकादमी का संचालन उन हुनरमंद बच्चों के लिए वरदान बन रहा है, जो करना तो खेल की दुनिया में बहुत कुछ चाहते थे, लेकिन उनके लिए ना तो रास्ते थे और ना ही मंजिल तक पहुंचाने का कोई माध्यम। अब मुख्यमंत्री की पहल के बाद एकलव्य अकादमी होनहारों को नयी राह दिखा रही है। अकादमी में चयनित बच्चों को अध्ययन, प्रशिक्षण एवं आवास की निःशुल्क सुविधा प्रदान की जा रही है।

तीरंदाजी के साथ के साथ-साथ ताईक्वांडो व तैराकी का भी प्रशिक्षण

अकादमी में तीरंदाजी, ताईक्वांडो और तैराकी के 10-10 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहाड़ी और दूरस्थ अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समूह के बच्चों के चयन को प्राथमिकता दी गई है। उल्लेखनीय है कि संस्थान में तीरंदाजी, ताइक्वांडो एवं तैराकी विधा शामिल हैं। जिसके अंतर्गत कुल 30 छात्रों का चयन हुआ है। खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने के लिए अकादमियों में अच्छी खेल अधोसंरचनाओं के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षकों की तैनाती भी की गई है। इन दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों के पहाड़ी कोरवा छात्रों को ओलंपिक, कॉमनवेल्थ एवं राष्ट्रीय खेल जैसे अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतिस्पर्धाओं में अच्छे प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध खेल प्रशिक्षकों के माध्यम से भी प्रशिक्षण देने की पहल की जा रही है।

खेलों के विकास में उद्योगों से भी सहयोग

वर्ष 2019 के बाद से राज्य शासन द्वारा खेल-विभाग के माध्यम से खेल अकादमियों की स्थापना, अधोसंरचना तथा बेहतर सुविधाओं के विकास के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत राज्य में उद्योग समूहों के माध्यम से भी कई खेल अकादमियां शुरू की जा रही हैं। जिंदल उद्योग समूह द्वारा रायपुर में शूटिंग अकादमी,  बीएसपी द्वारा नारायणपुर में मलखम्ब अकादमी, गोपाल स्पंज एवं फिल इस्पात द्वारा बिलासपुर कबड्डी अकादमी तथा कोरबा में फुटबॉल, तैराकी, बास्केटबॉल, बालीबॉल की अकादमी का बाल्को के सहयोग से संचालन किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा खेल अकादमियों में शैक्षणिक व्यय, भोजन, आवास, खेल परिधान, आधुनिक प्रशिक्षण, बीमा, डाइट आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

खोले जा रहे हैं प्रशिक्षण केंद्र

छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत विगत चार वर्षों के दौरान स्थापित विभिन्न खेल अकादमियों ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस दरम्यान आए कोरोना संकट के बावजूद राज्य में नयी खेल अकादमियों की स्थापना की तैयारियां एवं खेल-गतिविधियां निरंतर चलती रही हैं। जब राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नयी सरकार बनी तब खेल-कूद के क्षेत्र में अपनी प्राथमिकताएं तय करने हुए शासन ने राज्य में खेल संस्कृति को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी तरह की विश्वस्तरीय अधोसंरचना के निर्माण का वादा किया था। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे पहले छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। वहीं राजधानी रायपुर से लेकर बिलासपुर और बस्तर के नारायणपुर तक में खेल अकादमी को लेकर काम शुरू हो गए।

खेल अकादमी की भी हो रही स्थापना

छत्तीसगढ़ में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राज्य के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि राज्य का खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर पदक जीत सकें। राज्य के प्रत्येक जिले में विभिन्न खेलों की गैर आवासीय खेल अकादमियां स्थापित करने का लक्ष्य है। वर्तमान में तीरंदाजी प्रशिक्षण उपकेन्द्र शिवतराई (बिलासपुर), गैर आवासीय हॉकी एवं तीरंदाजी अकादमी, सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम रायपुर, गैर आवासीय बालिका फुटबॉल अकादमी स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम कोटा रायपुर, गैर आवासीय बालक एवं बालिका एथलेटिक अकादमी स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम कोटा रायपुर का संचालन किया जा रहा है।

खेलों के लिए बनाये जा रहे हैं सात लघु केंद्र

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिए की जा पहल के बीच छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना अंतर्गत विभिन्न खेलों के लिए सात लघु केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं। इसमें जशपुर में हॉकी, बीजापुर में तीरंदाजी, राजनांदगांव में हॉकी, गरियाबंद में व्हॉलीबॉल, नारायणपुर में मलखम्ब, सरगुजा में फुटबॉल एवं बिलासपुर में तीरंदाजी के लिए खेल लघु केन्द्र की स्वीकृति मिली है। प्रत्येक लघु केन्द्र के लिए सात लाख रुपये के मान से कुल राशि 49 लाख रुपये संबंधित जिला कलेक्टरों को जारी किए जा चुके हैं। खेलो इंडिया लघु केन्द्र के माध्यम से स्थानीय सीनियर खिलाड़ी को प्रशिक्षक के रूप में रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का प्रदर्शन निखर रहा

भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना अंतर्गत जशपुर में सिंथेटिक टर्फ युक्त हॉकी मैदान के लिए 5.44 करोड़ रुपये, अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के लिए 4.50 करोड़ रुपये, जगदलपुर बस्तर में सिंथेटिक फुटबॉल ग्राउण्ड विथ रनिंग ट्रैक के लिए 05 करोड़ रुपये, महासमुंद में सिंथेटिक सतह युक्त एथलेटिक ट्रैक निर्माण के लिए 6.60 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। वहीं जगदलपुर बस्तर में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ राज्य के खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन कर 2 स्वर्ण, 3 रजत और 6 कांस्य पदक, इस प्रकार कुल 11 पदक हासिल किये हैं।

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