“किताब घोटाला” IAS राजेंद्र कटारा करेंगे मामले की जांच, कमेटी में इन अफसरों को किया गया शामिल

रायपुर 18 सितंबर 2024। स्कूली बच्चों को मुफ्त में दी जाने वाली किताबों को कबाड़ में बेचे जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय के खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप है। वहीं सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं। सरकार ने अब छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के एमडी IAS राजेंद्र कटारा के नेतृत्व में एक समिति बनाकर गहन जांच शुरू की है। इस समिति का उद्देश्य भ्रष्टाचार की सीमा को उजागर करना और दोषियों को जवाबदेह बनाना है।

सरकार ने मामले की जांच के लिए IAS अधिकारी राजेंद्र कटारा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। राजेंद्र कटारा छत्तीसगढ़ टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक हैं। समिति में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, रायपुर शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक राकेश पांडे, छत्तीसगढ़ टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा और रायपुर कलेक्टर द्वारा नामित जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं।

पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए छपी किताबें रायपुर के एक कबाड़खाने में पड़ी हुई हैं। मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। विकास उपाध्याय ने बताया कि ये किताबें सर्व शिक्षा अभियान और छत्तीसगढ़ टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन के माध्यम से छापी गई थीं। इन किताबों को कक्षा पहली से दसवीं तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों में मुफ्त में बांटा जाना था। उपाध्याय ने इसे ‘किताब घोटाला’ करार देते हुए कहा कि एक तरफ छत्तीसगढ़ में बच्चे पढ़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, उनके लिए बनी किताबें कौड़ियों के भाव कबाड़ में बेची जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने निजी एजेंसियों के माध्यम से आवश्यकता से अधिक किताबें छपवाई हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपये कमाए हैं। यह करदाताओं के पैसे की लूट है।

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