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ब्रेकिंग: जशपुर में भी होगी रीपा केंद्रों के भ्रष्टाचार की जांच, 6 अफसरों को सौंपी गयी जिम्मेदारी, 7 दिन में सरकार को देनी होगी रिपोर्ट

Corruption in RIPA: रायपुर 27 जून 2024। पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के कार्यकाल में बने रीपा केंद्रों की भ्रष्टाचार की जांच अब तेज हो गयी है। रीपा केंद्रों की पहले से चल रही जांच में जशपुर जिले को भी शामिल किया गया है। इससे पहले रीपा केंद्रों की जांच रायपुर, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार जिले में ही चल रही थी, लेकिन अब इसमें जशपुर को भी जोड़ा गया है। जशपुर में बनाये गये महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) में भी गड़बड़ी की जांच होगी। जशपुर के रीपा केंद्रों की जांच का जिम्मा उच्च अधिकारियों को सौंपा गया है। आपको बता दें कि  पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क ( रीपा ) योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। राज्य सरकार ने 15 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जांच कराने का निर्णय लिया था। रीपा में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए छह बिंदु तय किए गए थे।

जांच बिंदुओं में विजन दस्तावेज और डीपीआर बनाने में गड़बड़ी, अधोसंरचना निर्माण में एजेंसियों की मनमानी, मशीनों का क्रय में गड़बड़ी, उत्पादित सामग्री की मार्केटिंग, दूसरे मद की राशि का उपयोग शामिल हैं। साथ ही रीपा का आगे क्या उपयोग किया जाएगा को भी जांच बिंदु में शामिल किया गया है। आपको बता दें कि प्रदेश के 146 विकासखंडों में संचालित 300 रीपा केंद्र जांच के दायरे में है। ग्रामीण क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए चल रही योजना में कई खामियां उजागर हो चुकी हैं। जशपुर में एक रीपा के डीपीआर के लिए ही अधिकारियों ने 80 लाख रुपये खर्च कर दिया था। इसी तरह अन्य रीपा का भी हाल है।

जशपुर के इन रीपा केंद्रों की होगी जांच

जशपुर जिले के छह रीपा केंद्रों की अलग-अलग अधिकारियोंकी टीम जांच करेगी। जशपुर के पालीडीह रीपा केंद्र की जांच खुद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव तारण प्रकाश सिन्हा करेंगे। वहीं मनोरा रीपा केंद्र की जांच पंचायत संचालक प्रियंका महोबिया, बगीचा के पंडरापाठ रीपा केंद्र की जांच स्वच्छ भारत मिशन की संचालक चंदन संजय त्रिपाठी, दुलदुला रीपा केंद्र की जांच पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अशोक चौबे, बालाछापर रीपा केंद्र की जांच व्हीपी तिर्की अपर विकास आयुक्त और चेटबा और फरसाकानी रीपा केंद्र की जांच चीफी इंजीनियर केके कटारे करेंगे।

सदन में भी गरमा चुका है मुद्दा

बजट सत्र के दौरान भी ये मुद्दा गरमा चुका है। भाजपा के धरमलाल कौशिक ने ये मुद्दा उठाया था। आरोप है कि सरपंचों से जबरदस्ती हस्ताक्षर कराए गए। रीपा में छह सौ करोड़ की गड़बड़ी हुई है। 300 रीपा का पूरी तरह से भौतिक सत्यापन भी नहीं हुआ है। जशपुर जिले के एक रीपा के लिए 80 लाख रुपये सिर्फ प्रोजेक्ट बनाने में खर्च कर दिया गया, जबकि रीपा की लागत ही दो करोड़ रुपये रखी गई थी। विधानसभा में अजय चंद्राकर ने भी कहा था कि रीपा के नाम पर जो खरीदी की गई, मौके पर वह है ही नहीं। प्रदेश में रीपा का एक भी प्रोजेक्ट सफल नहीं हुआ है।

रीपा के पीछे सरकार ने बतायी थी ये मंशा

भूपेश सरकार ने रीपा का प्रोजेक्ट बनाया था। दावा किया गया था कि किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से खेती-किसानी के साथ ही गांव में उद्यम लगाने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता दी जायेगी। इसकी लागत दो करोड़ रुपये रखी गई थी। इसमें 1.20 करोड़ रुपये में अधोसंरचना, पांच लाख रुपये तकनीकी कार्य, 40 लाख रुपये में मशीनरी, वर्किंग कैपिटल, 35 लाख ब्रांडिंग मार्केटिंग, पंपलेट, होर्डिंग्स, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, कानूनी सलाह में खर्च करने का प्रविधान था। नियमों के अनुसार, तीन एकड़ की जमीन की अर्हता बताई थी, जिसमें एक एकड़ में अधोसंरचना और शेष में पार्किंग व गोदाम स्थापित किया जाना था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कई जगहों पर तो काम जमीन पर हुआ ही नहीं और बजट सेंशन करा लिया गया।

रीपा की पहले से चल रही है जांच

आपको बता दें कि रीपा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी कमेटी बनायी गयी थी। इस कमेटी में भी सीनियर अफसरों को शामिल किया गया था। राज्य सरकार ने रीपा की जांच के लिए अंतर्रविभागीय जांच समिति गठित की थी। इस कमेटी में प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह को महासमुंद और रायपुर , पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश सिंह राणा को बलौदाबाजार भाटापारा, सीईओ ग्रामीण विकास अभिकरण भीम सिंह को धमतरी, रजत बंसल को गरियाबंद, तारण प्रकाश सिन्हा को रायपुर, प्रियंका महोबिया को धमतरी, चंदन संजय त्रिपाठी को धमतरी, नम्रता जैन को महासमुंद और अशोक चौबे को भाटा की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।

 

 

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