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CG : कर्नल विप्लव के काफिले पर MNPF ने किया था हमला….कहा- “नहीं मालूम था काफिले में कर्नल की पत्नी व बच्चे भी हैं”…..शानदार था शहीद विप्लव का करियर

रायपुर 13 नवंबर 2021। ….जिस हमले में छत्तीसगढ़ के वीर सपूत कर्नल विप्लब त्रिपाठी शहीद हुए और उनकी पत्नी और बेेटे की भी मौत हुई, वो हमला Manipur Naga People’s Front (MNPF) ने किया था। देर रात आतंकी संगठन MNPF ने हमले की जिम्मेदारी ले ली। इस हमले में कर्नल सहित चार जवान शहीद हो गये थे। हमले के वक्त कर्नल के साथ काफिले में तीन गाड़ियां चल रही थी। बीच की गाड़ी में कर्नल विप्लब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बैठे थे। हमला पहली पायलिटिंग गाड़ी पर हुआ और फिर कर्नल की गाड़ी पर भी अंधाधुंध फायरिंग की गयी।

वहीं जानकारी के मुताबिक नक्सली हमले में  शहीद विप्लव ओर उनकी पत्नी, बच्चे का शव आज शाम तक रायगढ़ पहुंचेगा. शव हवाई मार्ग से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा. जिसके बाद शव रायपुर से सेना के हेलीकॉप्टर से जिन्दल हवाई पट्टी पर उतरेगा. जहां शव को रामलीला मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार क्रिया को पूर्ण किया जाएगा.

जिम्मेदारी लेने के अलावा एक नोट भी जारी कर दिया गया है. उस नोट में आज शनिवार की घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है. ये भी कहा गया है कि हमला करने वाले लोग इस बात से अंजान थे कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे. ऐसे में नोट के अंदर जवानों को ही नसीहत दे दी गई है कि वे संवेदनशील इलाकों में परिवार को साथ लेकर ना आए. कहा गया है कि जिन इलाकों को सरकार ने भी सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना है, वहां पर परिवार का रहना ठीक नहीं है.

आज के हमले की बात करें तो सुबह करीब दस बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया. उनकी तरफ से  46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाया गया और उनके काफिले पर ये जानलेवा हमला हुआ. ये हमला भी तब हुआ जब  6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे. उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था. लेकिन क्योंकि आतंकियों को उनकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी, ऐसे में एक तय रणनीति के तहत सिंघाट में उनके काफिले को निशाना बनाया गया और ये बड़ा हमला हो गया.

अब जानकारी के लिए बता दें कि ये संयुक्त बयान उप प्रचार सचिव रोबेन खुमान और थॉमस नुमाई द्वारा दिया गया है. उनकी तरफ से इस हमले की पूरी जिम्मेदारी ले ली गई है. अब सरकार कब और किस तरह से इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करती है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा. वैसे मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी.

शानदार रहा था कर्नल विप्लव का करियर 

कर्नल विप्लव छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के रहने वाले थे। पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के बेटे विप्लव 46 असम राइफल्स के सीओ कर्नल विप्लव त्रिपाठी हाल ही में आइजोल, मिजोरम में एक सफल कार्यकाल के बाद मणिपुर के चुरचांग जिले में स्थानांतरित हुए थे।कर्नल विप्लव त्रिपाठी रायगढ़, छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। असम राइफल्स से जुड़ने से पहले अधिकारी कुमाऊं रेजिमेंट में थे। वह जुलाई के महीने में मणिपुर के चुराचांदपुर के पास खुगा बांध में चले गए थे। मिजोरम में अपने कार्यकाल के दौरान, कर्नल विप्लव ने भारत-म्यांमार सीमा पर ड्रग्स की अवैध आवाजाही सहित कई नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों का भंडाफोड़ किया था। उन्होंने विद्रोही समूहों के पुनर्वास पर भी काम किया। मणिपुर में तैनात होने के बाद, उन्होंने कई ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया और 27 जुलाई को इस तरह के एक मिशन की अपनी पहली सफलता साझा की, जहां उनकी टीम ने 377 ग्राम हेरोइन को जब्त किया था। कर्नल त्रिपाठी मणिपुर समुदाय के साथ-साथ मिजोरम में भी लोकप्रिय थे, जहां उन्होंने पहले सेवा की थी। दिवाली के मौके पर मणिपुर में वह अपने परिवार के पास थे। उनकी पत्नी अनुजा त्रिपाठी और 8 वर्षीय बेटा अबीर उस समय अधिकारी के साथ थे जब उनके वाहन पर हमला किया था।

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