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CG POLITICS : “धान और किसान” को साधने में जुटी BJP, चुनाव से 4 दिन पहले जारी हुए BJP के घोषणा से क्या बदल जायेगा अन्नदाता का मूड ?

रायपुर 3 नवंबर 2023। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बीजेपी का घोषणा पर जारी कर दिया। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जिस प्रमुख वजह से बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, मौजूदा चुनाव में बीजेपी ने उसी धान और किसान के मुद्दे पर पूरा फोकस किया है। घोषणा पत्र में बीजेपी ने कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़ते हुए धान का समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्वींटल करते हुए प्रति एकड़ 21 क्वींटल धान खरीदने की घोषणा की है। बीजेपी के घोषणा पत्र जारी होने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि दो बार का धान का बोनस नही मिलने से नाराज अन्नदाता क्या 5 साल बाद एक बार फिर बीजेपी के घोषणा पत्र पर अपना भरोसा जता पायेंगे ?

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। प्रथम चरण में होने वाले प्रदेश की 20 सीटों पर मतदान में अब महज 4 दिन से भी कम का वक्त शेष रह गया है। ऐसे में शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर पहुंचकर बीजेपी का घोषणा पत्र जारी किया गया। घोषणा पत्र में बीजेपी ने अपनी पुरानी गलती को सुधारते हुए सबसे पहले धान और किसान को साधने की कोशिश की है। बीजेपी के घोषणा पत्र में पहले बिंदु में 3100 रूपये प्रति क्वींटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्वींटल धान खरीदने का दावा किया गया है। आपको बता दे कि इससे पहले पिछले दिनों छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे सांसद राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में दोबारा सरकार बनने पर 3000 रूपये प्रति क्वींटल की दर से धान खरीदने का भरोसा दिलाया था।

जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूबे की राजनीतिक नब्ज को समझते हुए पहले ही किसानों से प्रति एकड़ 15 की जगह 20 क्वींटल धान खरीदने की घोषणा कर चुके है। ऐसे में साफ है कि धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में कोई भी राजनीतिक पार्टी धान और किसान को साधे बगैर सत्ता के ताज तक नही पहुंच सकती, या फिर ये भी कहा जा सकता है कि सूबे के अन्नदाता ही सत्ताधीशों के भाग्य विधाता है। लिहाजा कांग्रेस की घोषणाओं और प्रदेश के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़कर धान का समर्थन मूल्य ना केवल 3000 से बढ़ाकर 3100 रूपये तय किया गया, बल्कि कांग्रेस के प्रति एकड़ 20 क्वींटल की घोषणा की जगह प्रति एकड़ 21 क्वींटल धान खरीदने का दावा करके किसानों का ध्यान जरूर अपनी ओर खींचा है।

इसके बाद बीजेपी के घोषणा पत्र में गृहणियों को साधते हुए 500 रूपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा किया गया है। इस मुद्दे पर भी कांग्रेस ने पहले ही महंगाई की मार झेल रही जनता और गृहणियों को सरकार बनने पर गैंस सिलेंडर पर 500 रूपये सब्सिडी देने की घोषणा कर चुकी है। इसके साथ ही बीजेपी के घोषणा पत्र में महतारी वंदन योजना के तहत 12 हजार रूपर सालाना हर विवाहित महिला को दिया जाएगा, प्रदेश की रिक्त शासकीय पदों पर 1 लाख लोगो की भर्ती, प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत 18 लाख मकान,तेंदूपत्ता संग्रहण दर और बोनस के तहत 5500 रूपये प्रति मानक बोरा की होगी खरीदी, चरण पादुका योजना दोबारा शुरू करने की घोषणा, आयुष्मान योजना स्वस्थ छत्तीसगढ़ के तहत 10 लाख तक मुफ्त उपचार का स्वास्थ्य बीमा, 500 नए जन अवषधि केंद्र खोलने की घोषणा किया गया है।

कुल मिलाकर देखा जाये तो जिन मुद्दो पर सूबे की मौजूदा कांग्रेस सरकार सार्वजनिक मंचो से पहले ही घोषणा कर चुकी है, उन्ही मुद्दो को थोड़ा अपडेट कर बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। फिलहाल बीजेपी के घोषणा पत्र के बाद अब सूबे की जनता की नजर कांग्रेस की फाइनल घोषणा पत्र पर टिकी हुई है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि पहले चरण के चुनाव से महज 4 दिन पहले जारी बीजेपी के इस घोषणा पत्र पर छत्तीसगढ़ के किसान और आम मतदाता एक बार फिर भरोसा जता पायेंगे ? दो साल का बोनस नही मिलने से नाराज जिस किसान ने 15 साल तक राज करने वाली बीजेपी को 15 सीटों पर समेट दिया,क्या वह बीजेपी के घोषणा पत्र पर एक बार फिर भरोसा करेगी ? सवाल कई है क्योंकि चुनाव के वक्त मतदाता मौन रहता है और सारे राजनीतिक पार्टियों की चाल पर अपनी पैनी नजर रखता है। ऐसे में जनता का मूंड किस पार्टी की ओर झुकता है और किसके सिर पर सत्ता का ताज पहनाती है, इसका फैसला तो 3 दिसंबर को मतगणना के साथ ही साफ हो जायेगा।

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