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स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल योजना से सीएम भूपेश बघेल ने स्कूलों का किया कायाकल्प. स्कूलों में एडमिशन के लिए होड़, स्टूडेंट्स बोलने लगे फर्राटेदार अंग्रेजी

रायपुर 30 जुलाई2023 एक वक्त था जब छत्तीसगढ़ में सरकारी स्‍कूलों की चर्चा होते ही लोगों के दिमाग में टूटी हुई फर्श, गिरती दीवारें या पुराने भवन का ख्‍याल आता था. पढ़ाई की विफल व्यवस्था और सुविधाओं का आभाव आम बात हुआ करती थी. लेकिन सूबे में सरकारी स्कूलों की इस छवि को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छात्र हितैषी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल योजना ने बदल कर रख दी है. आलम ये है कि अब छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की बेहतरी की चर्चा देशभर में होने लगी है. छत्तीसगढ़ में देश-प्रदेश का भविष्य गढ़ने, यानि बच्चों के नव निर्माण का जिम्मा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मजबूत कंधों पर है. मुख्यमंत्री ये बखूबी जानते हैं कि आज की शिक्षा व्यवस्था कैसी होनी चाहिए. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुआई वाली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल योजना लाकर एक बड़ा नवाचार किया है.

अमूमन निम्‍न और मध्‍यमवर्गीय परिवारों के लिए यह संभव नहीं होता कि वे भी अपने बच्‍चों को उच्‍च वर्ग के बच्‍चों की तरह बड़े अंग्रेजी मीडियम वाले स्‍कूल में पढ़ाए. लेकिन भूपेश बघेल सरकार की इस योजना से अब बिना मोटी फीस चुकाए हर वर्ग के बच्‍चे अंग्रेजी में शिक्षा पा रहे हैं. सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अंग्रेजी की पढ़ाई केवल रायपुर जैसे महानगर में न हो बल्कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हो. गांव का बच्चा अंग्रेजी शिक्षा से वंचित न रहे, इसलिए इन स्‍कूलों का विस्‍तार गांव तक किया गया है. इन स्‍कूलों में सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी की भी व्‍यवस्‍था की गई है. यही नहीं, आत्मानंद स्कूल में सुंदर खेल परिसर के साथ ही आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रैक्टिकल लैब की व्यवस्था भी की गई है.

01 नवम्बर 2020 को शुरू होने के बाद पूरे छत्‍तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान बना चुकी ये आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल योजना अब रंग ला रही है. आलम यह है कि इस साल 2023 में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू होते ही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सीटों की संख्या के हिसाब से तीन से चार गुना ज्यादा फार्म आए. जो ये बताता है कि पलकों और बच्चों का कितना ज्यादा रुझान इन स्कूलों के प्रति है.

बच्चों में आया कॉन्फिडेंस-

इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में गजब का आत्मविश्वास देखने को मिलता है. अंग्रेजी और दूसरे विषयों के विद्वान शिक्षक, जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, पढ़ाई का शानदार माहौल और व्यवस्थित मॉनिटरिंग की वजह से इस स्कूल और यहां के बच्चों की मिसाल दी जाने लगी है. यहीं नहीं अच्छे अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का गरीबों और मजदूरों तक का सपना पूरा हो रहा है. यहां हाईटेक पढ़ाई, आकर्षक सजावट और सुविधाओं का लाभ मिलने से बच्चे उत्साहित रहते हैं

पालकों को मिली बड़ी राहत-

माता-पिता अपने बच्चों के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने से काफी खुश हैं. योजना के चलते बेहतर शिक्षा के लिए मोटी रकम खर्च करने जरूरत नहीं पड़ रही है. इतना ही नहीं डिजिटल क्लास रूम में इंटरनेट के माध्यम से कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. स्मार्ट क्लास बनाये गए हैं. बेहतर माहौल मिलने से बच्चे खेलकूद में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. इस स्कूल के बच्चे मेरिट लिस्ट में आ रहे हैं. जिससे बच्चों के पालकों में भी उत्साह आया है.

प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल-

आत्मानंद स्कूल के साथ अब कॉलेज शुरू करने की योजना भी भूपेश बघेल सरकार की है. इसपर काम भी शुरू हो चुका है. प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित हैं, वहीं आगामी शिक्षण सत्र से 422 स्कूलों का संचालन किया जाना भी प्रस्तावित है. नये प्रस्तावित स्कूलों में सरगुजा और बस्तर संभाग के 252 स्कूल शामिल होंगे, ताकि सुदूर अंचलों और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर सके. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया है

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल की खासियत-

इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर रूम, बास्केट बाल, वॉलीबॉल और बैडमिंटन जैसे खेल की सुविधा है. गार्डनिंग और गार्डनिंग की ट्रेनिंग, पीटी परेड स्टेडियम और रेस ट्रेक, लाइब्रेरी के साथ डिजिटल रूम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.

योग्य शिक्षक तराश रहें बच्चों की प्रतिभा-

शिक्षण संस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण योग्य शिक्षक की जरूरतें पूरी की गईं हैं. जिससे शिक्षा में गुणवत्ता आई है. अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक लाए गए. यहीं नहीं, संविदा में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की गई. शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया है. इससे बच्चे ऑडियो-विजुअल पद्धति से अध्ययन करने लगे, जिससे उन्हें विषय को समझने में आसानी हुई, उनकी ग्रहण क्षमता बेहतर हुई है.

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से होता है एडमिशन-

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में एडमिशन के संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए इसका पालन सुनिश्चित करने कहा गया है. जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन ऑनलाईन और ऑफलाईन दोनों माध्यम से किया जा सकेगा. एक विद्यार्थी एक विद्यालय के लिए ही आवेदन कर सकेगा.

कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत एडमिशन में मिलती है प्राथमिकता-

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में ’महतारी दुलार योजना’ अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को विशेष प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाता गया है. बालिकाओं की पर्याप्त संख्या नहीं मिलने पर बालकों से सीट भरी जाती है. बीपीएल और आर्थिक रूप से कमजोर पालकों के बच्चों के लिए 25% एडमिशन सीटों पर छूट का प्रावधान है. वहीं बीपीएल और आर्थिक रूप से कमजोर पालकों के बच्चों को कुल रिक्त सीट के 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश दिया जाता है. पालकों को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है. कुल रिक्त पदों के 25 प्रतिशत सीटों पर आवेदक बच्चों का प्रवेश लॉटरी सिस्टम मतलब कम्प्यूटर के माध्यम से रेंडमली चयन कर किया जाता है. रिक्त सीट के विरूद्ध अधिक पात्र आवेदक होने पर लॉटरी से चयन किया जाता है…..

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