सोना साहू केस अपडेट: जानिये क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में आज पूरे दिन? अब 17 को सुनवाई, क्रमोन्नत SLP को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने देश के सबसे बड़े वकील को किया है खड़ा

Sona Sahu Case: शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर SLP पर अब अगली तारीख को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट SLP दायर की है। वहीं मामले में शिक्षिका साहू भी शिक्षक संगठनों के साथ सुप्रीम कोर्ट में पहुंची है। इस केस में सोना साहू की मदद शिक्षकों की एक समिति कर रही है।
आज मामले में दोनों पक्षों को दलीलें रखनी थी, लेकिन सरकार की तरफ से बहस नहीं हो सकी।न्यायाधीश ए.एस. ओका और न्यायाधीश एन. कोटीश्वर सिंह की खंडपीठ आज मामले की लिस्टिंग थी। इस केस में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्य सरकार की तरफ से पक्ष रखेंगे, जबकि अधिवक्ता देवाशीष तिवारी ने सोना साहू की तरफ से दलील पेश करेंगे।
17 मार्च को याचिका की स्वीकृति पर सुनवाई
सोना साहू मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायालय ने 17 मार्च तक के लिए सुनवाई टाल दी। दरअसल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पहले राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को प्रमोशनल वेतनमान के अनुसार भुगतान करे। इस निर्णय को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है।
क्यों नहीं हो सकी सुनवाई
समय की कमी के कारण न्यायालय ने मामले की सुनवाई को 17 मार्च, 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया है। अगली तारीख को याचिका की स्वीकृति पर विचार किया जाएगा। यह मामला राज्य के कर्मचारियों के वेतन और पदोन्नति के अधिकारों पर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है।
क्रमोन्नत वेतनमान का मुद्दा क्या है?
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि क्रमोन्नत वेतनमान का मुद्दा क्या है। दरअसल, लंबे समय तक प्रमोशन न मिलने पर शिक्षकों ने 2013 में सरकार पर दबाव डाला, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 10 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने का ऐलान किया।लेकिन इसके बावजूद आंदोलन शांत नहीं हुआ। शिक्षकों के लगातार विरोध को देखते हुए सरकार ने एक साल बाद समतुल्य वेतनमान देने का निर्णय लिया, और इसके साथ ही क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश रद्द कर दिया। इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया।
शिक्षिका सोना साहू ने दायर की याचिका
हालांकि, इसी बीच शिक्षिका सोना साहू ने क्रमोन्नति वेतनमान के लिए याचिका दायर की, जबकि सरकार ने नए वेतनमान के तहत इसे रद्द कर दिया था। सोना साहू ने सोचा कि क्रमोन्नति वेतनमान समाप्त होने के बावजूद यदि कोर्ट में याचिका दायर की जाए तो उसे लाभ मिल सकता है, और ऐसा ही हुआ।सोना साहू के पति ने केस दायर किया और जीत भी गए। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिकाएं लगनी शुरू हो गईं, क्योंकि इस फैसले से छत्तीसगढ़ के 50 हजार शिक्षकों को फायदा हो सकता था।
सरकार पहले ही रद्द कर चुकी थी क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश
राज्य सरकार को यह बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि जिला और जनपद पंचायत के अधिकारियों के कोर्ट आदेश का पालन करने से इतना बड़ा संकट उत्पन्न होगा। शिक्षकों ने सोना साहू को रोल मॉडल मानते हुए कोर्ट का रुख किया। जब कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, तो सरकार हरकत में आई।पहले ही सरकार क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश रद्द कर चुकी थी, और अब सोना साहू कोर्ट में केस जीत चुकी थीं। साथ ही, राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि 50 हजार शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दे सके।
सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इस संकट से बचने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार ने स्पेशल लीव पेटीशन (एसएलपी) दायर की है, जिसका मतलब है कि इस मामले की जल्दी सुनवाई की जाएगी। हालांकि, सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से राज्य के 50 हजार शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है।
मनीष मिश्रा ने सभी LB संवर्ग के शिक्षकों से मांंगा समर्थन
सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने सभी एलबी संवर्ग के शिक्षकों से सहयोग की अपील की है। इस केस में शिक्षकों का समर्थन जुटाने में बसंत कौशिक, सिराज बक्स, सुरजीत, अश्वनी कुर्रे, चौहान ईश्वर चन्द्राकर, तरुण वैष्णव, राजू टंडन, संतोष यादव, राजा राम पटेल, पुरुषोत्तम घाणी, शेषनाथ पांडे, उषा चन्द्राकर. संकीर्तन नंद, दिनेश नायक, राजेश मिश्रा, अशोक ध्रुव, शंकर नेताम, कोमल साहू, रवींद्र राठौर, दिनेश राठौर, सुरेन्द्र नेताम, देवेंद्र हर्मुख, उत्तम सिन्हा, संदीप पांडे, अजय गुप्ता, विश्वाश भगत, धीरेन्द्र माघी, देव नारायण गुप्ता, हेम साहू, कोमल साहू, राम लाल साहू, प्रेम नारायण शर्मा, दिनेश नायक, सुरेंद्र नेताम, रविन्द्र राठौर, दिनेश नायक, राजेश मिश्रा देव राज खूंटे संदीप पांडे रियाज अंसारी अजय गुप्ता प्रेम नारायण शर्मा डोला लाल पटेल देव नारायण गुप्ता विश्वाश भगत विजय साहू रमेश साहू दौलत ध्रुव अशोक ध्रुव अशोक नाग आशीष गुप्ता संकर नेताम धीरेन्द्र माघी बंजारे मुंगेली आदि दृढ़ता से जुटे हुए हैं।