बिग ब्रेकिंग

NW न्यूज 24 स्पेशल : CM भूपेश का “मिलेट मिशन” सुपोषण के साथ ला रहा है समृद्धि… 12 करोड़ की 38 हजार 686 क्विंटल मिलेट्स फसलों की हो चुकी है खरीदी

रायपुर, 28 फरवरी 2023।  साल 2023 को मिलेट्स ऑफ द् ईयर के तौर पर मनाने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद देश भर में मिलेट्स को लेकर काफी ज्यादा चर्चा है। छत्तीसगढ़ ने तो इस मिलेट को अपना मिशन ही बना लिया है। छत्तीसगढ़ ने इसी साल 10 जनवरी 2023 को मिलेट मिशन का शुभारंभ किया था। छत्तीसगढ़ का ये मिलेट देश दुनिया ने भी अपने मिशन के तौर पर लिया है। खुद प्रधानमंत्री मोदी मिलेटस को प्रमोट करते रहे हैं। अब तो बच्चों क मध्याह्न भोजन में भी मिलेट्स को जगह मिल गयी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी की फसलों को बढ़ावा देने के लिए इनकी समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक 11 करोड़ 94 लाख रूपए मूल्य की 38 हजार 686 क्विंटल कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी हो चुकी है। राज्य लघु वनोपज संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोदो की खरीदी 30 रूपए प्रति किलो, कुटकी की खरीदी 31 रूपए और रागी की खरीदी 35.78 रूपए प्रति किलो की दर से की जा रही है। अब तक 31 हजार 750 क्विंटल कोदो, 1 हजार 378 क्विंटल कुटकी और 5 हजार 558 क्विंटल रागी की खरीदी की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ में मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किये गये हैं। साथ ही कांकेर जिले में 5,000 टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है। प्रदेश में आंगनबाड़ी और मिड डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे है। इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजन शामिल हैं।

समर्थन मूल्य पर हो रही मिलेट्स की खरीदी

उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में राज्य लघु वनोपज संघ की समस्त प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी की जा रही है। वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने बताया कि किसानों के हित में इसका दायरा बढ़ाकर अब पूरे प्रदेश में राज्य लघु वनोपज संघ की समस्त प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से इन फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।  प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य के ऐसे क्षेत्र, प्राथमिक लघु वनोपज समिति अथवा जिला यूनियन के कार्यक्षेत्र से बाहर स्थित है, ऐसे ग्रामों, क्षेत्रों को चिन्हांकित कर समीपस्थ प्राथमिक लघु वनोपज समिति एवं जिला यूनियन के कार्यक्षेत्र में शामिल किया गया है। जिससे ऐसे क्षेत्रों में कोदो, कुटकी एवं रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी हो सके और इन फसलों का संग्रहण करने वाले संग्राहकों को समर्थन मूल्य का लाभ मिले।

मध्याह्न भोजन में शामिल होगा मिलेट्स

छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को अब मध्या- भोजन में मिलेट्स(मोटे अनाज कोदो, कुटकी, रागी आदि) परोसा जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रस्ताव को भारत सरकार ने दी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय शि‍क्षा मंत्री को पत्र लिखकर 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर चार दिन मिलेट्स से निर्मित खाद्य सामग्री वितरित करने की अनुमति मांगी थी।

सुपोषण के साथ समृद्धि भी

इसे केंद्र ने स्वीकृत कर दिया है। मध्यान भोजन में मिलेट्स मिलने से बच्चों का सुपोषण बेहतर होगा, साथ ही मिलेट्स का उत्पादन कर रहे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। स्कूल शि‍क्षा के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने बताया कि 12 जिलों में से अभी तक सात जिलों के नाम तय हो चुके हैं, जिन जिलों के बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। इनमें दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार और बलरामपुर शामिल है। पांच अन्य जिलों के नाम तय करना बाकी है। मिलेट्स के लिए केंद्रांश के रूप में 178 करोड़ और राज्यांश के रूप में 119 करोड़ रुपये खर्च होगा।

पीएम कर चुके हैं प्रदेश की प्रशंसा

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात कार्यक्रम में मिलेट्स की भी प्रशंसा की थी। इसके पहले भी प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की थी तब पीएम ने मिलेट्स की सराहना की थी और रायपुर में मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह दी थी। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री से केंद्रीय स्तर पर मोटे अनाज को समर्थन मूल्य में खरीदने की मांग की थी। केंद्रीय बजट में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आपूर्ति के लिए इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ मिलेट्स का गठन करने का निणर्य लिया जा चुका है।

मिलेट्स के फायदे

Insomnia Disease में Millets बहुत ही लाभकारी (Millets Benefits) है। Millets का सेवन करने से अच्छी व गहरी नीद आती है। इसके अंदर ट्रीप्टोफन (Tryptophan) पाया जाता है, जो हमारे शरीर में सेरोटोनिन (Serotonin) के स्तर को बढ़ाता है। Serotonin शरीर के तनाव को कम करता है। और मस्तिष्क को आराम पहुँचता है। जिन लोगो को अनिद्रा रोग है उन्हें Millets का सेवन जरूर करना चाहिए। Skin Health के लिए Millets का उपयोग बहुत है फायदेमंद (Millets Ke Fayde) होता है। Millets एंटीऑक्सीडेंट और फिनोलिक्स का एक अच्छा सोर्स है। Millets का सेवन Free Radicals को रोकता है। जिससे की व्यकित पर उम्र का प्रभाव कम पड़ता है। यह त्वचा को स्वास्थ बनाए रखने में मदद करता है और चेहरे पर झुर्रिया को भी कम करने में मदद करता है।

अस्थमा और कैंसर के लिए भी फायदेमंद

Asthma को ठीक करने में Millets का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद (Millets Ke Fayde) होता है। जिन लोगों को आस्थमा है उन्हे इसका सेवन अवश्य करना चाहिए। यह Asthma के खतरे को कम करता है। Millets का नियमित रूप से सेवन करने से बच्चो में Asthma का खतरा 15% तक कम हो जाता है। Cancer को Cure करने में Millets बहुत ही लाभकारी (Millets Benefits) होता है। महिलाओ के Breast Cancer (स्तन कैंसर) को रोकने के लिए Millets का सेवन सबसे आसान तरीका है। Millets का सेवन करने से महिलायें Breast Cancer (स्तन कैंसर) के खतरे को 50% तक कम कर सकती है।

मिलेट्स की खेती पर मिला पोषक अनाज अवार्ड

मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। राज्य में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसको राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। मिलेट्स उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता भी दी जा रही है।

आईआईएमआर के साथ एमओयू, उत्पादकता दोगुना करने का लक्ष्य भी

प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को विस्तारित किया जा रहा है। इसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मिलेट की खेती को प्रोत्साहन करने, किसानों को प्रशिक्षण देने, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन संचालित है। 14 जिलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।

Back to top button