सक्ती राजघराने के राज्याभिषेक पर रोक: दत्तक पुत्र को रानी ने कहा- वो हमारा बेटा नहीं…. राजा सुरेंद्र बहादुर दत्तक पुत्र का करने वाले थे आज राजतिलक…लेकिन…पढ़िये क्या है पूरा विवाद

जांजगीर 19 अक्टूबर 2021। सक्ती राजघराने के कुंवर धर्मेंद्र सिंह के राज्याभिषेक पर रोक लग गयी है। राजमाता गीता राणा का कुंवर धर्मेंद्र को बेटा मानने से इंकार करने और राज्याभिषेक पर रोक को लेकर याचिका पर कोर्ट ने स्थिति यथावत रखी, जिसके बाद मंगलवार को होने वाले राजतिलक को टाल दिया गया। दरअसल कुंवर धर्मेंद्र को लेकर सक्ती राजघराने में काफी पहले से विवाद चल रहा है। मामला थाने तक भी पहुंचा था, बाद में इस मामले में कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। दरअसल कुंवर धर्मेंद्र को राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने गोद लिया है। खुद की संतान नहीं होने की वजह से राजा सुरेंद्र बहादूर कुंवर धर्मेंद्र का ही राजतिलक करना चाहते थे। इसके लिए बकायदा आमंत्रण तक भेजवाया गया था। महामाया मंदिर में राज्याभिषेक की तारीख और वक्त दोनों तय हो गया था, लेकिन इसी बीच कोर्ट के निर्देश के बाद कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

सक्ती रियासत के 5वें राजा के रूप में कुंवर धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक होना था। दरअसल राज्य सुरेंद्र बहादूर और महारानी गीता राणा के बीच विवाद काफी पुराना है। गीता राणा सालों पहले नेपाल चली गयी थी, लेकिन करीब 5 महीने पहले ही वो महल लौटी थी, जिसके बाद से विवाद शुरू हो गया। सुरेंद्र बहादूर ने इस मामले में जांजगीर एसपी से शिकायत भी की थी, कि रानी उनके इजाजत के बगैर महल में रह रही है और हर तरह से हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने उसे महल से निकालने की भी मांग की थी। वहीं रानी गीता राणा ने कुंवर धर्मेंद्र को लेकर आपत्ति जतायी थी और कहा था कि धर्मेद्र सिंह उनका बेटा नहीं है। वो एक नौकर का बेटा है। महल के कुछ कर्मचारियों पर भी गीता राणा ने गंभीर आरोप लगाये थे।

इन्ही विवादों के बीच सुरेंद्र बहादूर ने धर्मेंद्र के राज्याभिषेक की तारीख तय कर दी, जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया। वहीं रानी ने इश्तेहार जारी कर आमलोगों से भी अपील की थी कि वो इस राज्याभिषेक में शिरकत ना करे। उन्होंने धर्मेंद्र पर भी आरोप लगाये थे। रानी ने साफ कहा था कि धर्मेंद्र सिंह उनका वारिश नहीं है।

Related Articles

NW News