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विधानसभा ब्रेकिंग : DMFT से रोजगार प्रशिक्षण की राशि में गड़बड़ी… विधानसभा अध्यक्ष ने दिये मंत्री को जांच के आदेश

रायपुर 3 जनवरी 2022। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रश्नकाल में DMFT से रोजगार प्रशिक्षण का मुद्दा का उठा। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने सवाल उठाते हुए प्रशिक्षण पर खर्च की जानकारी मांगी। जिसके बाद मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि 3 साल में 33 करोड़ खर्च हुए हैं। बीजेपी ने लगाया आरोप जांजगीर जिले में प्रशिक्षण में राशि खर्च नहीं हुई है। राशि का दूसरे स्थानों में समायोजन किया गया है। इस मामले में भाजपा विधायकों ने जांच की मांग की।

विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने इस मामले की जांच को कहा । मंत्री उमेश पटेल को विधानसभा अध्यक्ष ने किया जांच के लिये निर्देशित किया। भाजपा ने आरोप लगाया कि 33 करोड़ के बंदरबांट का भाजपा ने आरोप लगाया।

बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने उठाया मामला. कहा – लाइवलीहुड कॉलेज को 18 करोड़ का भुगतान किया गया. ये राशि की बंदरबाँट है. एक व्यक्ति की ट्रेनिंग के लिए दस हज़ार रुपए खर्च किए गये. 17 हज़ार 874 लोगों की ट्रेनिंग एक लाइवलीहुड कॉलेज से दी गई.

मधुमक्खी पालन, मछलीपालन, जूट उत्पादन, ग्राम सभा विकास प्रशिक्षण जैसी ट्रेनिंग दिलाई गई, लेकिन क्या ट्रेनिंग के बाद उनका रोज़गार शुरू हुआ. उनका उत्पाद कहाँ ख़रीदा गया.

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- जानकारी अलग से दी जायेगी.

सौरभ सिंह ने कहा- डीएमएफ़ की राशि निकालकर रोज़गार सृजन के नाम से पैसा दिया गया. कलेक्टर पैसे का बंदरबाँट कर रहे हैं. सरकार पटवारियों के पीछे पड़ी है जबकि कलेक्टरों के पीछे पड़ना चाहिये.

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- प्रशिक्षण में किसी तरह की जाँच की जानकारी है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- सिर्फ़ मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए 52 लाख रुपये खर्च कर दिये गये. 29-30 जून को ही 30 करोड़ रुपये के काम जारी कर दिये गये. ये गंभीर मामला है. सदन की कमेटी से जाँच करा दी जाये.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- एक ज़िले में 30 करोड़ रुपये तक का काम डीएमएफ के ज़रिए कलेक्टर कर रहे हैं. पचास फ़ीसदी तक कमीशन डीएमएफ में लिए जा रहे हैं. पूरे प्रदेश भर में इसकी ठीक से जाँच करा दी जाये तो ये क़रीब एक हज़ार करोड़ का बड़ा घोटाला निकलेगा.
इसकी जाँच सदन की कमेटी से कराई जानी चाहिए

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- पिछली सरकार में मुख्यमंत्री कौशल विकास और प्रधानमंत्री कौशल विकास में सिर्फ़ भ्रष्टाचार किया गया. प्रशिक्षण केंद्र एक कमरे में चलता था.

अजय चंद्राकर ने कहा- सरकार में आप बैठे हैं. जाँच क्यों नहीं कराई. दोनों मामलों की जाँच करालें.

स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने मंत्री को दिया निर्देश- पिछली सरकार के पाँच साल में प्रशिक्षण के नाम पर हुए खर्च और इस सरकार में अब तक हुए खर्च की जाँच कराई जाये.

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