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आहीर समाज की महिलाओं ने महारास कर ,बना डाले विश्व रिकॉर्ड…

गुजरात24 दिसंबर 2023|गुजरात के प्रसिद्ध तीर्थस्थल द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने सबका मन मोह लिया. 37,000 से भी अधिक अहीर समुदाय की महिलाओं ने मिलकर महा रास का आयोजन किया. यह महा रास न केवल अपने आकार के लिए, बल्कि भक्ति और समर्पण के भाव के लिए भी उल्लेखनीय रहा.

महा रास के दौरान महिलाएं रंगीन परिधानों में सजकर राधा-कृष्ण की प्रेम कथा की झलकियों को जीवंत करती नज़र आईं. उनके भक्ति और कलात्मक प्रदर्शन को देखकर ऐसा लगा मानो द्वारका धाम ही गोकुल बन गया हो. यह ऐतिहासिक महा रास पूरे भारत में चर्चा का विषय बन गया है.

आहीर समाज की महिलाओं ने महारास गरबा कर रास स्वरूप द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित किया। दावा किया गया है कि द्वारका के आंगन में यह विश्व रिकॉर्ड है। भगवान श्रीकृष्ण का गोपियों के साथ व्रज का रास विश्व विख्यात है। द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण की पुत्रवधु और बाणसुर की पुत्री उषा रास खेली थी। इसके बाद से ही गुजरात में गरबा की शुरुआत हुई।

लोक किंवदंती के अनुसार करीब 550 वर्ष पूर्व कच्छ के व्रजवाणी में आहीर समाज की महिलाओं के साथ श्रीकृष्ण रास खेलने ढोली के रूप में आए थे। इनकी स्मृति में ही महारास का आयोजन किया गया। महारास से पूर्व रात को जागरण किया गया। इसमें मालदे आहीर का लिखा श्री कृष्ण की लीलाओं पर नाटक पेश किया गया। इसके बाद सभीबेन आहीर की ओर से व्रजवाणी रास पेश किया गया। कच्छ से आई महिलाओं ने भव्य बेडारास रचा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के बाद लोक साहित्यकार मायाभाई आहीर समेत आहीर समाज के अन्य कलाकारों ने भव्य डायरा की प्रस्तुति की। आयोजन को यादगार बनाने के लिए द्वारका के जगत मंदिर को रोशनी से जगमगाया गया।

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