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गुरु की महादशा के 16 साल देते हैं अपार सुख

वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह बताए गए हैं और हर ग्रह का संबंध किसी ना किसी क्षेत्र से है. देवगुरु बृहस्‍पति सुख, सौभाग्‍य, विवाह, ज्ञान के कारक हैं. कुंडली में गुरु उच्‍च का हो तो जातक बेहद भाग्‍यशाली होता है और उसे अपने जीवन में अपार धन, सुख, ऐश्‍वर्य, सम्‍मान मिलता है. साथ ही ऐसा व्‍यक्ति सुंदर और आकर्षक भी होता है. ज्‍योतिष के अनुसार गुरु की महादशा 16 साल चलती है. आइए जानते हैं गुरु की महादशा का प्रभाव, फल और उपाय.

गुरु की महादशा के 16 साल देते हैं अपार सुख

गुरु की महादशा का प्रभाव

गुरु बृहस्पति यदि जन्मकुंडली में शुभ स्थित में हों तो व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में बहुत लाभ मिलता है. वह ज्ञानवान होता है. उसको जीवन में ऊंचा पद, सम्‍मान, धन-वैभव मिलता है. वहीं गुरु की महादशा के 16 में तो वह अपार धन, सुख, सम्‍मान पाता है. वह ईमानदारी और धर्म की राह पर चलकर खूब लोकप्रियता और सफलता पाता है. ऐसे जातक शिक्षा, अध्‍यात्‍म के क्षेत्र में खूब नाम कमाते हैं.

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वहीं गुरु का जन्‍मकुंडली में अशुभ या कमजोर होना जातक को करियर में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उसे पेट संबंधी बीमारियां घेरे रहती हैं. उसके विवाह में बाधा आती है. संतान सुख पाने में समस्‍या हो सकती है. आर्थिक स्थिति भी सामान्‍य ही रहती है. वहीं गुरु की महादशा काल में तो उसे ज्‍यादा समस्‍याएं झेलनी पड़ती हैं.

गुरु की महादशा के 16 साल देते हैं अपार सुख

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गुरु की महादशा के उपाय

यदि गुरु की महादशा बहुत कष्‍ट दे रही हो तो ज्‍योतिष शास्‍त्र में बताए गए कुछ उपाय जरूर कर लेने चाहिए. इससे काफी राहत मिल सकती है.

– गुरुवार का व्रत रखें. इस दिन भगवान विष्‍णु और भगवान बृहस्पति देव की पूजा-उपासना करें.

– रोजाना या कम से कम हर गुरुवार को नहाने के पानी में थोड़ी सी हल्दी डालकर स्‍नान करें. इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. किस्‍मत का साथ मिलने लगता है.

– गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें, जल चढ़ाएं. साथ ही गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं.

– गुरुवार के दिन पीले कपड़े पहनें, पीली चीजों – जैसे चने की दाल, बेसन की मिठाई का दान करें और स्‍वयं भी सेवन करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है)

 

 

 

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