युक्तियुक्तकरण पर तुरंत रोक सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर 23 शिक्षक संगठनों ने सरकार को सौंपा ज्ञापन, 28 मई को मंत्रालय घेराव की चेतावनी

रायपुर, 18 मई 2025: छत्तीसगढ़ में एल.बी. संवर्ग के शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं के समाधान और युक्तियुक्तकरण की विसंगतिपूर्ण प्रक्रिया पर रोक लगाने सहित चार सूत्रीय प्रमुख मांगों को लेकर प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों ने साझा मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन को संयुक्त ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि यदि एक सप्ताह के भीतर समाधान नहीं हुआ, तो 28 मई 2025 को मंत्रालय घेराव किया जाएगा।
मुख्य मांगे इस प्रकार हैं:
1. युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर तत्काल रोक:
शिक्षक संगठनों ने युक्तियुक्तकरण की वर्तमान प्रक्रिया को एकतरफा, असंवेदनशील और नियमविरुद्ध बताया है।
संगठनों का कहना है कि यह प्रक्रिया शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 और शिक्षा विभाग सेटअप 2008 के स्पष्ट प्रावधानों के खिलाफ है।
विद्यालयों में एकल शिक्षक या शिक्षकविहीन स्थिति की पूर्ति पदोन्नति/पदस्थापना द्वारा की जा सकती है।
युक्तियुक्तकरण से शिक्षकों, विद्यार्थियों व संस्था प्रमुखों के अधिकारों में टकराव की स्थिति पैदा हो रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों को अतिशेष प्रक्रिया से बाहर रखना भी भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण है।
2. क्रमोन्नत वेतनमान के लिए जनरल आदेश:
श्रीमती सोना साहू प्रकरण में कोर्ट के निर्देशानुसार सेवा अवधि की गणना कर उन्हें एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान दिया गया।
शिक्षक संगठनों की मांग है कि इस निर्णय के आधार पर सभी पात्र एल.बी. शिक्षकों को समान लाभ देने के लिए सामान्य (जनरल) आदेश जारी किया जाए।
3. व्याख्याता पदोन्नति में B.Ed की अनिवार्यता समाप्त की जाए:
वर्तमान में D.Ed. प्रशिक्षित वरिष्ठ शिक्षकों को B.Ed. अनिवार्यता के कारण व्याख्याता पदोन्नति से वंचित होना पड़ रहा है।
संगठनों ने मांग की कि पूर्व की भांति B.Ed. की बाध्यता को शिथिल कर, D.Ed. प्रशिक्षित शिक्षकों को अवसर दिया जाए।
साथ ही, प्राचार्य के 10% पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से तत्काल भरा जाए।
4. सेवा की गणना नियुक्ति तिथि से कर पेंशन सहित लाभ दिया जाए:
शिक्षकों ने मांग की कि संविलियन से पूर्व की सेवा अवधि को शामिल कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जाए और पेंशन, ग्रेच्युटी सहित सभी लाभ दिए जाएं।
शिक्षक संगठनों की चेतावनी:
संयुक्त ज्ञापन में शिक्षक संगठनों ने शासन को वार्ता से समाधान की पहल करने का आग्रह किया है, लेकिन चेतावनी भी दी है कि यदि एक सप्ताह में इन मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो 28 मई 2025 को मंत्रालय का घेराव किया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
संयुक्त ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख संगठन प्रमुखों में शामिल हैं:
केदार जैन संयुक्त शिक्षक संघ, मनीष मिश्रा समग्र शिक्षक फेडरेशन, संजय शर्मा छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन, वीरेंद्र दुबे शालेय शिक्षक संघ, कृष्ण कुमार नवरंग गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़, विकास सिंह राजपूत नवीन शिक्षक संघ, राजनारायण द्विवेदी प्रदेश शिक्षक महासंघ, शंकर साहू प्रदेश शासकीय शिक्षक फेडरेशन, जाकेश साहू छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ, भूपेंद्र सिंह बनाफर छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक कल्याण संघ, अनिल टोप्पो छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय शिक्षक संघ, कमल दास संयुक्त प्रधान पाठक कल्याण संघ, विक्रम राय छत्तीसगढ़ समन्वयक संघ, धरम बंजारे छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक अधिकार संघ, भूपेंद्र गिलहरे छत्तीसगढ़ वरिष्ठ व्याख्याता संघ, चेतन कुमार बघेल प्रदेश शिक्षक सेवी कल्याण संघ, विष्णु प्रसाद साहू छत्तीसगढ़ व्याख्याता वाणिज्य विकास संघ, प्रीतम कोसले ट्राइबल एजुकेशन, गिरीश केशकर छत्तीसगढ़ शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, प्रदीप कुमार पांडे सर्व शिक्षक संघ, राजकिशोर तिवारी प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ, प्रदीप लहरे छत्तीसगढ़ आम शिक्षक संवर्ग, लैलून कुमार भारद्वाज छत्तीसगढ़ क्रांतिकारी शिक्षक संघ ।