21 जून की पूर्णिमा पर दिखेगा ‘स्‍ट्रॉबेरी मून’,जानिये क्‍या है इसका मतलब?

भारत में हर महीने पूर्णिमा होती है, लेकिन विदेशों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। 21 जून को आ रही ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा को स्‍ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) कहने की वजहें हैं। रिपोर्टों के अनुसार, स्‍ट्रॉबेरी मून की शुरुआत भारत में 21 जून की सुबह लगभग 6 बजे हो जाएगी, लेकिन तब चांद नजर नहीं आएगा, क्‍योंकि गर्मियों में सूर्योदय जल्‍दी हो जाता है। यह पूर्णिमा 22 जून की सुबह तक रहेगी, इसलिए 21 जून की रात आप स्‍ट्रॉबेरी मून को देख पाएंगे।

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21 जून की पूर्णिमा पर दिखेगा ‘स्‍ट्रॉबेरी मून’,जानिये क्‍या है इसका मतलब?

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, स्‍ट्रॉबेरी मून लगभग तीन दिनों तक पूरा नजर आएगा। इसे हनी मून और रोज मून भी कहा जाता है। नासा के अनुसार, स्‍ट्रॉबेरी मून इस साल की सबसे निचली पूर्णिमा होगी, जो क्षितिज से सिर्फ 21.9 डिग्री ऊपर उठेगी। यानी यह आसमान में नीचे-नीचे नजर आएगा।

नासा का कहना है कि ऐसी पूर्णिमाएं खगोलविज्ञान में दिलचस्‍पी रखने वाले लोगों के लिए यह सुनहरा मौका होती हैं। लोग एक अच्छे टेलीस्कोप का इस्‍तेमाल करके चंद्रमा की सतह पर क्रेटर और पहाड़ों को देख सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी मून के दौरान चंद्रमा असाधारण रूप से बड़ा दिखाई देगा, लेकिन यह सुपरमून नहीं होगा। सुपरमून देखने के लिए आपको अगस्त तक इंतजार करना होगा और उसके बाद लगातार चार सुपरमून नजर आएंगे।

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जून महीने की पूर्णिमा को स्‍ट्रॉबेरी मून नाम अमेरिका की जनजातियों द्वारा दिया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, इस नाम का इस्तेमाल अल्गोंक्विन, ओजिब्वे, डकोटा और लकोटा लोगों द्वारा किया गया है। स्‍ट्रॉबेरी मून के बाद अगली पूर्णिमा 21 जुलाई को दिखेगी, जिसे बक मून (Buck Moon) कहा जाता है।

21 जून की पूर्णिमा पर दिखेगा ‘स्‍ट्रॉबेरी मून’,जानिये क्‍या है इसका मतलब?

क्‍यों नहीं होगा सुपरमून?

21 जून को दिखने जा रहा स्‍ट्रॉबेरी मून, काफी बड़ा होगा, लेकिन यह सुपरमून नहीं होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, गर्मियों की संक्रांति अमेरिका में 20 जून को है और उसके एक दिन बाद ही पूर्णिमा हो जाएगी। स्‍पेसडॉटकॉम के अनुसार ऐसा आमतौर पर नहीं होता। 19 से 20 साल में एक बार ऐसा होता है। इस दौरान सूर्य आकाश में अपने मैक्सिमम पॉइंट पर दिखेगा, इसलिए चंद्रमा आकाश में नीचे की ओर नजर आएगा और बड़ा दिखेगा।

 

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