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अनिल टुटेजा हुए रिटायर, MPSC के रहे थे टॉपर, बेहतर प्रशासनिक अफसर के साथ नेशनल प्लेयर भी रहे, विवादों से भी रहा नाता

रायपुर,31 मई 2023। IAS अनिल टुटेजा रिटायर हो गये । 1989 MPSC के टॉपर रहे अनिल टुटेजा प्रमोट होकर IAS बने थे। उन्हें 2003 बैच आवंटित हुआ था। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर अनिल टुटेजा बुधवार को रिटायर हो गए। यद्यपि नागरिक आपूर्ति निगम केस की वजह भले ही टुटेजा प्रमोशन से वंचित रह गए, लेकिन उन्हें भूपेश सरकार की कई लोकप्रिय योजनाओं का ‘ब्रेन चाइल्ड’ माना जाता है। मूलत: बिलासपुर के रहवासी अनिल टुटेजा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप कर चर्चा में आए। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के रूप में कई जिलों में अपनी सेवाएं दी। उनकी प्रशासनिक क्षमता अद्वितीय रही। यही वजह है वो सीएम, मंत्रियों और सीनियर अफसरों के प्रिय रहे। वो आरडीए सीईओ, भिलाई और राजनांदगांव के नगर निगम कमिश्नर व रायपुर संभाग के उपायुक्त रहे। राज्य गठन के बाद पंचायत ग्रामीण विभाग में बतौर संचालक के पद पर पदस्थ किए गए।


प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद सीएम सचिवालय में उप सचिव के पद पर काम करते हुए ग्राम सुराज अभियान जैसे कई कार्यक्रमों के अहम किरदार रहे।
टुटेजा को आईएएस अवॉर्ड होने के बाद नागरिक आपूर्ति निगम का एमडी बनाया गया । इस दौरान यहां एक शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी की छापेमारी ने राजनीतिक रंग ले लिया। उन पर संस्थान को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा। मगर वस्तुस्थिति यह रही कि टुटेजा के एमडी रहते पहले नान को मुनाफा हुआ था।रमन सरकार के कुछ ताकतवर अफसरों का खेमा उनके पीछे लगा रहा और चुनाव नतीजे आने से पहले उन्हें तत्कालीन प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला के साथ आरोपी बना चालान पेश कर दिया गया। इसके बाद से अब तक वो कानूनी झमेले में पड़े रहे। इस वजह से उनका प्रमोशन रूक गया। जबकि उनके बैचमैट सचिव हो चुके हैं।


हालांकि सरकार बदलने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने उन पर भरोसा किया, और इसमें खरे भी उतरे। ऐसे समय एक के बाद एक सीनियर अफसर प्रतिनियुक्ति पर जा रहे थे। टुटेजा ने डायरेक्टर इंडस्ट्रीज के पद पर रखकर भी कई योजनाओं के कर्ता-धर्ता रहे। वो सरकार के प्रमुख रणनीतिकार रहे।
उन्होंने नई उद्योग पॉलिसी लाकर निवेश का नया क्षेत्र ढूंढा। इसका प्रतिफल यह रहा कि दर्जनभर एथेनाल प्लांट लग रहे हैं। बीमार उद्योगों को राहत देने के लिए सीएम की पहल पर कई योजनाएं शुरू कराने में अहम भूमिका निभाई। सीएम शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना भूपेश सरकार की क्रांतिकारी योजना मानी जाती है। इस योजना को तैयार करने में टुटेजा ने अहम भूमिका निभाई। खास बात यह कि डब्ल्यूएचओ ने भी इसकी सराहना की। टुटेजा पर्दे के पीछे रहकर रामवन गमन पथ, और कृष्ण कुंज के शिल्पकार रहे। इन सब वजहों से केन्द्रीय एजेंसियों और भाजपा के निशाने पर रहे। उन पर आईटी और ईडी की रेड भी पड़ी।इन सबके बावजूद विपरीत परिस्थितियों में बेहतर काम करने की मिसाल कायम की है। प्रशासनिक क्षमता के साथ साथ अनिल टुटेजा शतरंज के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे, सिविल सेवा राष्ट्रीय शतरंज में भारत में द्वितीय स्थान पर रहे। अविभाजित मध्यप्रदेश में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहे। अनिल टुटेजा के एमपीपीएससी में टॉप करने के बाद उन्होंने सदैव नये अभियार्थियों को मार्गदर्शन दिया एवं हमेशा प्रेरणास्रोत रहे हैं।

वो स्टेट बैंक आफ इंडिया के प्रोबेशरी अफसर के तौर पर भी सेलेक्ट हुए थे, लेकिन 1989 में एसबीआई मैनेजर के तौर पर वो 3 महीने ही काम किये थे, जिसके बाद वो सिविल सर्विस में सेलेक्ट हो गये। 1989 में MPSC के टॉपर रहे। वो 1989 में डिप्टी कलेक्टर बने। उन्होंने एसडीएम गरियाबंद, भाटापारा, धमतरी, अंबिकापुर, एडीएम कांकेर के तौर पर पदस्थ रहे। वो राजनांदगांव और भिलाई निगम कमिश्नर रहे। वहीं आरडीए के सीईओ और क्रेडा के एडिश्नल सीईओ रहे। अनिल टुटेजा सीएम सेक्रेटिएट के डिप्टी सिकरेट्री भी रहे। इसके अलावे एमडी स्टेट वेयरहाउस, नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव सह डायरेक्टर रहे।

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