बिग ब्रेकिंग : आरक्षण पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट ने हटायी, अब हो सकती है नयी भर्तियां..
रायपुर 1 मई 2023। आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर भर्ती करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने 58 फ़ीसदी आरक्षण को असंवैधानिक बताया था। छत्तीसगढ़ सरकार अब कर सकती है भर्ती
हाईकोर्ट ने खारिज किया 58 प्रतिशत आरक्षण
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने यहां लागू 58 प्रतिशत आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला करते हुए इसे खारिज कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2012 में 58 फीसदी आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 58 फीसदी करना असंवैधानिक है। कोर्ट ने आबादी के अनुसार आरक्षण देने को भी गलत माना है। इस अधिसूचना के बाद प्रदेश में सारी सरकारी नियुक्तियां इसी आधार पर हुईं। महाधिवक्ता ने कहा कि चूंकि कोर्ट ने इन नियुक्तियों को लेकर कुछ नहीं कहा है, इसलिए ये यथावत रहेंगी। जिसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी।
आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने आरक्षण को लेकर 2012 में लगाई गई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया था। तब तत्कालीन राज्य शासन ने आरक्षण 59 प्रतिशत करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके खिलाफ गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति एकेडमी, पीआर खुंटे और सत्यनाम सेवा संघ रायपुर सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका लगाकर इस अधिसूचना को चुनौती दी थी। इन याचिकाओं के बाद 17 और याचिकाएं दायर की गईं, जिन पर हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि सरकार ने राज्य की आबादी के हिसाब से आरक्षण का रोस्टर जारी कर दिया है। इसके मुताबिक अनुसूचित जनजाति को 20 की जगह 32 फीसदी, अनुसूचित जाति को 16 की जगह 12 फीसदी और ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे आरक्षण का दायरा संविधान द्वारा निर्धारित 50 फीसदी से ज्यादा हो गया।इससे नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में समस्याएं आ रही हैं। इन याचिकाओं पर 2012 से लगातार सुनवाई चल रही थी। 6 जुलाई 2022 को कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इसमें सरकार के नोटिफिकेशन को खारिज करते हुए नियम को खत्म कर दिया।
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