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“नमक नहीं खाता, इसलिए नमक लगने का सवाल ही नहीं”…मुख्यमंत्री ने साय की बतायी सादगी, तो नंदकुमार ने जोड़ा उसमें सियासी तंज…पढ़िये..

रायपुर 1 मई 2023। भाजपा के दिग्गज नेता रहे नंदकुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नंदकुमार साय का पार्टी में स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस दौरान मिठाई खिलाई और अभिनंदन किया। राजीव भवन में वन मंत्री मो अकबर,प्रेमसाय सिंह टेकाम, अनिला भेड़िया, सत्यनारायण शर्मा समेत कई नेता मौजूद थे। रविवार को बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद आज कांग्रेस में शामिल हो गए। भूपेश बघेल ने कहा,आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है। और ऐसे समय में जिन्होंने गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया। ऐसे नंद कुमार साय आज कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसलिए उन्हें बधाई देता हूं। वह सच्चे आदिवासी नेता हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि ..

नंदकुमार साय जाना पहचाना चेहरा है, वो किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है। वो पार्टी में विधायक-सांसद के रूप में कई बार अपने क्षेत्र की सेवा की है। उनकी जिंदगी काफी सादगी से भरी है। नंदकुमार साय जी की एक खास बात ये है कि ये नमक तक नहीं खाते हैं

ये सुनते ही नंदकुमार साय बोल पड़े- इसलिए नमक नहीं लगता…

जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा – … इसलिए नमक लगने का सवाल ही नहीं उठता।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज का दिन नंदकुमार साय को सुनने का दिन है, इसलिए हम सभी उन्हें सुनना चाहते हैं…

नंदकुमार साय ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यशैली के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी की सांगठनिक गतिविधियों की भी तारीफ की। भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस अच्छा काम कर रही है। दल महत्व नहीं है, आम जनता से लिए काम करना है। मिलकर काम करेंगे तो छत्तीसगढ़ अच्छा होगा। नंदकुमार साय ने इस दौरान बीजेपी को भी नसीहत दी, कि वो पार्टी को मजबूत करें, साय ने कहा कि लोकतंत्र में सभी राजनीतिक पार्टियों को मजबूत रहना जरूरी है, सभी का साथ लेना जरूरी है, सभी से राय-विचार जानना जरूरी है। हालांकि इस दौरान भाजपा को लेकर उनसे जो तेवर की उम्मीद थी, उन्होंने भाजपा को लेकर वैसा कुछ भी नहीं कहा। आज की तारीख में मैं बीजेपी में किसी पद पर नहीं था। मैं एक सामान्य कार्यकर्ता था। भले ही पार्टी में पद नहीं मिलता, लेकिन काम कैसे किया जा सकता है। ये तो पूछा जा सकता था।ये निर्णय जीवन का बहुत कठिन निर्णय है। उन्होंने कहा कि जनसंघ के समय से मैं और मेरे परिवार के लोग बीजेपी में रहे हैं। अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहा हूं। अटल बिहारी बाजपेयी को फॉलो करता था।

साय ने भूपेश सरकार की तारीफ के साथ-साथ उनकी नरवा, घुरवा, गरुवा, बारी योजना की भी जमकर तारीफ की। साय ने कहा कि उनकी कार्यशैली ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। कांग्रेस में आने के बाद वो आदिवासी हित में और बेहतर काम कर सकेंगे। अटल,आडवानी की जो पार्टी थी। वो पार्टी अब उस रूप में नहीं है। परिस्थितियां बदल चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में छोटे गांव और कस्बे थे। भूपेश सरकार के काम पर मैंने स्टडी की है। छोटे गांव और कस्बे शहर बन गए।हम कहते थे देशभर का नाता है, गौ हमारी माता है। लेकिन सीएम भूपेश बघेल ने इसे एक नया स्वरूप दिया है। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना जनता के लिए कारगर साबित हुई है। मुझे अच्छा लगा भूपेश सरकार ने राम वनगमन पथ को बनाया।

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