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अल्पसंख्यक छात्रों के “स्काॅलरशिप” के नाम पर अरबों का घोटाला,छत्तीसगढ़ में भी 62 फर्जी संस्थानों के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार,अब CBI करेगी जांच

नई दिल्ली 20 अगस्त 2023। देश में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए जारी होने वाले स्काॅलरशिप में बड़ा घोटाला सामने आया है। देशभर के 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में से 830 संस्थान फर्जी पाए गए हैं। फर्जीवाड़ा करने वाले संस्थानों की फेहरिस्त में छत्तीसगढ़ से 62 संस्थान शामिल हैं। रिपोर्ट में अल्पसंख्य छात्रों के नाम पिछले 5 साल में 144.83 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आयी हैं। इस खुलासे के बाद अब अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने इसकी आगे की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को सौंपी दी हैं।

गौरतलब हैं कि देशभर में अल्पसंख्य वर्ग के छात्रों की पढ़ाई के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से स्कॉलरशिप दी जाती है। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रायल की ओर से जारी होने वाले इस छात्रवृत्ति योजना में ही अब बड़ा घोटाला सामने आया हैं। जांच में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लगभग 53 प्रतिशत लाभार्थी फर्जी पाए गए हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की एक आंतरिक जांच में इस कथित भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा हैं कि इसमें अब तक 830 फर्जी संस्थानों का पता चला है। रिपोर्ट में पिछले 5 साल में 144.83 करोड़ रुपये के घोटाले की बात बतायी जा रही हैं। लिहाजा इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने इसकी आगे की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी है।

बताया जा रहा हैं कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इस मामले में 10 जुलाई को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में 34 राज्यों के 100 जिलों में मंत्रालय ने आंतरिक जांच कराई। इनमें से अब तक 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में से 830 संस्थान फर्जी पाए गए हैं। लगभग 53 प्रतिशत फर्जी अभ्यर्थी मिले हैं, जिनके नाम पर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति का आबंटन संस्थानों द्वारा लिया गया। बाकी बचे राज्यों के संस्थानों की भी जांच जारी है। फिलहाल अधिकारियों ने इन 830 संस्थानों से जुड़े खातों को फ्रीज करने का आदेश दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक ये घोटाला कई स्तरों पर हुआ है और एक संस्थागत भ्रष्टाचार है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ हैं कि संस्थान या तो मौजूद ही नहीं हैं या फिर संचालित नहीं हैं।

लेकिन ये राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल और शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली दोनों पर रजिस्टर हैं। अब सीबीआई इन संस्थानों के उन नोडल अधिकारियों की जांच करेगी। जिन्होंने इन संस्थानों को अप्रूवल रिपोर्ट दी थी। साफ है अब ऐसे जिला नोडल अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे, जिन्होंने फर्जी मामलों को वेरिफाई किया था। ये जांच भी होगी कि कैसे कई राज्यों में ये घोटाला सालों तक चलता रहा। मंत्रालय की जांच में क्या पता चला हैं कि देशभर के 21 राज्यों में अलग-अलग संस्थानों के नाम पर इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। इनमें छत्तीसगढ़ की 62 संस्थानों के नाम सामने आये हैं। जांच में सभी संस्थान फर्जी और नॉनऑपरेशनल पाए गए। इसी तरह राजस्थान के 128 संस्थानों की जांच की गई, इसमें 99 फर्जी और नॉन ऑपरेशनल पाए गए। असम में 68 प्रतिशत संस्थान फर्जी पाए गए।

इसी तरह कर्नाटक में 64 प्रतिशत संस्थान फर्जी पाए गए, यूपी में 44 प्रतिशत संस्थान फर्जी पाए गए, पश्चिम बंगाल 39 प्रतिशत संस्थान फर्जी पाए गए, केरल के मल्लापुरम में एक बैंक ब्रांच ने 66 हजार स्कॉलरशिप दीं। ये संख्या रजिस्टर किए गए पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या से अधिक पाई गई। जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के एक कॉलेज में जिसमें 5,000 स्टूडेंट का रजिस्ट्रेशन है, उस कॉलेज से 7,000 स्कॉलरशिप क्लेम की गई। इसी तरह एक परिजन का मोबाइल नंबर 22 बच्चों के साथ जुड़ा पाया गया। जांच में ये सभी बच्चे कथित तौर पर 9वीं क्लास में पढ़ने वाले थे। एक अन्य अल्पसंख्यक संस्थान में जहां हॉस्टल ही नहीं है फिर भी वहां के सभी छात्रों के नाम पर हॉस्टल स्कॉलरशिप क्लेम की गई। पंजाब में ऐसे अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति मिल गई, जिनका स्कूल में नामांकन भी नहीं हुआ।

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