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CG बालको की मनमानी – शहर के बाद अब वनांचल के पर्यटन स्थल में जहर घोलने की तैयारी, बालको का राख सतरेंगा में फेंकने … SDM ने कहा…

 

कोरबा 18 दिसंबर 2021- छत्तीसगढ़ में इंडस्ट्रीज की दबंगई किस हद तक हावी है, इसकी बानगी कोरबा जिला में देखी जा सकती है। ताजा मामला बालको प्लांट का है, जो कि पावर प्लांट से उत्सर्जित राख को खपाने के लिए अब शहर के बाद वनांचल के पर्यटन स्थलों में जहर घोलने की तैयारी में नज़र आ रहा है। आलम ये है कि एक ठेका कंपनी को आगे कर पर्यटन स्थल सतरेंगा की निजी भूमि में राखड़ पाटने की तैयारी की जा रही है।

गौरतलब है कि बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख आज कोरबा जिला के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। पर्यावरण के साथ ही मानव जीवन के लिए खतरा बनते जा रह है इस राख के निपटारे को लेकर बालकों प्रबंधन ने जो रणनीति बनाई है, वो आम लोगों के जीवन पर अब सीधा असर डाल रहा है। पिछले लगभग 2 साल से एक ठेका कंपनी बालकों के राखड़ डेम से राख परिवहन कर खाली जमीनों पर पाटने का काम कर रही है।

आलम ये है कि राजनीतिक पहुंच और इंडस्ट्रीज के पैसों के दम पर ऐश डाईक से निकलने वाले राख को शहर और ग्रामीण क्षेत्र में कही भी शासकीय जमीन पर पाटा जा रहा है। दिनदहाड़े ठेका कंपनी की ट्रकों में ओव्हर लोड राख का परिवहन कर कही भी फेंकने में लगी हुई है, लेकिन इस ओर आज तलक ना तो परिवहन विभाग का ध्यान गया और ना ही पर्यावरण और राजस्व विभाग का, नतीजा ये रहा कि पिछले दिनों स्थानीय ग्रामीणों ने बालकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चक्काजाम किया गया। लोगों में बढ़ते जन आक्रोश के बाद अब बालकों प्रबंधन ने एक बार फिर ठेका कंपनी को सामने करते हुए पर्यटन स्थल सतरेंगा में निजी भूमि पर राख पाटने की अनुमति SDM कार्यायल में लगाई है।

ब्लैक स्मिथ कारपोरेशन माईनिंग एण्ड अलाईड प्राईवेट लिमिटेड ने एसडीएम कार्यायल में सतरेंगा के 8 ग्रामीणों की दलदली और गडढे युक्त भूमि पर राख पाटने की अनुमति मांगी है। एसडीएम कार्यालय से ठेका कंपनी के आवेदन पर बकायदा एसडीएम ने 29 नवंबर को क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को नियम-शर्तो के अनुरूप राखड़ पाटने की अनुमति के लिए पत्र प्रषित किया गया है। ताकि शहर के बाद अब वनांचल में राखड़ पाटकर पर्यटन स्थल में राख का जहर घोला जा सके। ठेका कंपनी के इस आवेदन को लेकर आम लोगों में गहरा आक्रोश है, वही जवाबदार विभाग इस पूरे मसले पर आपत्ति जताने की बजाए चुप्पी साधे हुए है।

ऐसे में अगर सतरेंगा क्षेत्र में राख पाटने की अनुमति दी जाती है, तो इसका सीधा असर ना केवल उस क्षेत्र के लोगों पर पड़ेगा, बल्कि सतरेंगा के वनांचल को इस राख से सबसे बड़ा खतरा होगा। क्योंकि इससे पहले भी ठेका कंपनी ने मनमाने तरीके से कहीं भी राख पाटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि राजस्व और पर्यावरण विभाग इस मसले पर उद्योग और ठेका कंपनी के रणनीति के सामने नतमस्तक होकर वैधानिक अनुमति देते है, या फिर क्षेत्र की जनता और पर्यावरण के हित में फैसला लिया जाता है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

इस पूरे मसले पर NW न्यूज़ ने कोरबा SDM हरीशंकर पैकरा से जानकारी चाही गयी, तो उनहोेने बताया कि ब्लैक स्मिथ ठेका कंपनी द्वारा सतरेंगा के भू-स्वामी की सहमति पर उनकी निजी जमीन पर बालको से राख ले जाकर पाटने के लिए आवेदन दिया गया है, इसके लिए पर्यावरण विभाग को पत्र प्रेषित किया गया था, लेकिन पर्यावरण विभाग से अनुमति मिलने से पहले ही लोगों की आपत्ति आ गयी है, इसलिए इस प्रकरण पर अभी रोक लगा दिया गया है।

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