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साल की पहली एकादशी इस दिन जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कथा

नई दिल्ली 5 जनवरी 2024 हिंदू धर्म में भगवान विष्णु जगत पालक हैं और इनकी सबस प्रिय तिथि एकादशी है। माना जाता है कि जो भी भक्त एकादशी तिथि का व्रत करते हैं उनके समस्त कष्ट श्री हरि हर लेते हैं। यदि आप भगवान नारायण की कृपा पाना चाहते हैं तो एकादशी का व्रत इसका एकमात्र सरल उपाय है। शास्त्रों में एकादशी के व्रत को सबसे बड़े व्रतों में से एक बताया गया है।

इस व्रत में फलाहार रखते हुए जो लोग हरि नाम का जाप करते हुए रात्रि जागरण करते हैं। उनको जीवन में कभी भी दुःख नहीं भोगना पड़ता है और उनके जन्म-जन्मांतर के सभी कष्ट मिट जाते हैं। अब जानते हैं साल 2024 यानी नए साल की पहली एकादसी का व्रत कब रखा जाएगा और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त।

साल 2024 की पहली एकादशी 

साल 2024 की पहली एकादशी तिथि जनवरी में पड़ेगी। हिंदू पंचांग के अनुसार यह एकादशी 7 जनवरी 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी। यह एकादशी समस्त कष्टों को हरने वाली और श्री हरि को अति प्रिय है। यदि आपको साल 2024 में भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करना है तो इस एकादशी का व्रत सच्ची श्रद्धा से रखें और भगवान हरि के कृपापात्र बनें।

साल 2024 एकादशी का शुभ मुहूर्त

  • सफला एकादशी – 7 जनवरी 2024 दिन रविवार
  • एकादशी तिथि प्रारंभ समय  7 जनवरी 2024 दिन रविवार को देर रात 12 बजकर 41 मिनट से शुरू।
  • एकदाशी तिथि समापन समय – 8 जनवरी 2024 दिन सोमवार देर रात 12 बजकर 46 मिनट पर समापन। 

सफला एकादशी व्रत का पारण समय 

सफला एकादशी के व्रत का पारण 8 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस समय के अंतराल कभी भी सफला एकादशी का व्रत खोला जा सकता है।

व्रत के दौरान इन बातों का भी रखें ध्यान

पुराणों में बताया गया है कि सफला एकादशी का व्रत जो भक्त पूर्ण विधि विधान से रखते हैं उन पर भगवान नारायण की कृपा बनी रहती है।  एकादशी के व्रत वाले दिन आप फलाहार चीजें खाने में ग्रहण करें और इस दिन अन्न बिल्कुल भी न खाएं। इस दिन आप भगवान हरि के निमित्त उनके  विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर सकते हैं। संध्या काल के समय जब सूर्यास्त हो जाए उसके बाद आप तुलसी जी के पास गाय के घी का दीपदान कर सकते हैं। इस दिन चावल बिल्कुल भी न खाएं ऐसा करने से आप घोर पाप के भीगी बनेंगे। इसी के साथ सफला एकादशी की व्रत कथा इस दिन अवश्य सुनें तभी आपका व्रत पूर्ण माना जाएगा। शास्त्रों में व्रत वाले दिन रात्रि जागरण कर भगवान विष्णु के नाम का जप करने का विधान बताया गया है। सफला एकादशी का व्रत जो लोग नियम पूर्वक रखते हैं उनके जीवन में सभी मनोरथ श्री नारायण पूर्ण करते हैं और व्रत रखने वालों को जीवन में अपार सफलता मिलती है।

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