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CG NEWS – कलेक्टर विजय दयाराम की पहल लाई रंग – सैलानियों को लुभाने लगा “गौरलाटा” पहाड़ी की ट्रैकिंग, स्थानीय ग्रामीणों के लिए बढ़े रोजगार के अवसर…

बलरामपुर 20 नवंबर 2022। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका बलरामपुर जिला अब सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा हैं। जीं हां ये सब संभव हो सका हैं बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के. की एक सराहनीय पहल के बाद। कलेक्टर के प्रयास का ही परिणाम हैं कि रोमांच और ट्रैकिंग के शौकीन सैलानी ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे राज्यों से भी बलरामुपर की उंची गौरलाटा पहाड़ी पर ट्रैकिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इससे ना केवल पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि बाहर से आने वाले सैलानियों की वजह से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा हैं।

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सूबे के मुखिया भूपेश बघेल और पर्यटन विभाग लगातार प्रयासरत हैं। छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने की इसी कड़ी में बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने एक अनोखी पहल की है। आपको बता दे छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची पहाड़ी के रूप में गौरलाटा कि पहाड़ी को पहचाना जाता हैं। इस पहाड़ी की ऊंचाई करीब 1225 मीटर है। कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कुछ दिन पहले ही इस पहाड़ी पर अपने परिवार के साथ जाकर ट्रैकिंग की शुरुआत की थी। कलेक्टर के इस प्रयास और बलरामपुर की पहाड़ी को ट्रैकिंग के नजरिये से एक अलग पहचान दिलाने की दिशा में शुरू की गयी इस पहल की जानकारी जैसे ही मीडिया के माध्यम से आम हुई,तो सैलानियों में यहां पहुंचने की उत्सुकता बढ़ने लगी।

कलेक्टर के इस पहल का नतीजा रहा कि बलरामपुर जिला के गौरलाटा पहाड़ी पर ट्रैकिंग के लिए ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे राज्यों से भी सैलानी पहुंचने लगे हैं। यहीं वजह हैं कि बलरामपुर जिला पर्यटन और ट्रैकिंग की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का आकर्षण का एक मुख्य बिंदु बन चुका है । यही वजह हैं कि यहां अब छत्तीसगढ के साथ ही पश्चिम बंगाल,उड़ीसा,झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से 35-40 सदस्यों की टीम आज गौरलाटा में ट्रैकिंग कर वहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य की खुले दिल से तारीफ कर रहे हैं। 36 माउंटेन ओर जोश वेलफेयर की टीम ने गौरलाटा में अपनी कैंपिंग के साथ ही 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग की। 1225 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचकर उन्होंने ट्रैकिंग की दिशा में नई पहल की शुरूवात करने वाले बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के. की काफी प्रशंसा भी की।

आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ सहित देश के अलग-अलग राज्यों से 36 माउंटेन और जोश वेलफेयर की टीम 3 दिन के बलरामपुर भ्रमण के दौरान डीपाडीह, गौरलाटा, तातापानी वनवाटिका में कैंपिंग की और स्थानीय पर्यटन को जमकर सराहा। बलरामपुर जिला प्रशासन की पहल के बाद जिस तरह से यहां की पहाड़ी सैलानियों को आकर्षित कर रही हैं, इसमें दो मत नहीं कि जल्द ही यह सरगुजा के पिलखा पहाड़ और मैनपाट की तरह यह स्थान भी छत्तीसगढ़ की मानचित्र में एक नये और पसंदीदी पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना लेगा।
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने बताया कि सबसे पहले इस पहाड़ की चढ़ाई करने के लिए आ रहे सैलानियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी प्रशासन ने उठाई है।

इसके साथ ही साथ जिला प्रशासन पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय युवाओं को जोड़कर रोजगार के साधन विकसित करने की दिशा में भी काम कर रहा हैं। गौरतलब हैं कि बलरामपुर की पहचान अब तक नक्सल प्रभावित जिला के रूप में होती रही हैं। ऐसे में कलेक्टर विजय दयाराम के. द्वारा की जा रही पहल और प्रयास से अब बलरामपुर के उत्थान की एक नये अध्याय की शुरूवात की हैं। जिसमें स्थानीय ग्रामीणों युवाओं को भयमुक्त करने के साथ ही रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही पर्यटन के जरिये छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में एक अलग पहचान बनाने का सार्थक प्रयास जुड़ा हुआ हैं।

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