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CG POLITICS …….तो क्या निकाय चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार का रिस्क लेंगे CM विष्णुदेव, मंत्रियों के शपथ को लेकर सस्पेंस गहराया

रायपुर 26 जून 2024। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली से वापसी के बाद एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाए तेज हैं। चर्चा इस बात की कि आखिर साय कैबिनेट में 2 भाग्यशाली विधायक कौन होंगे, जिन्हे मंत्री बनाया जायेगा ? लेकिन इन सबसे इतर साय सरकार के सामने साल के अंत में होेने वाली नगरीय निकाय चुनाव की अग्नि परीक्षा है। वहीं दूसरी तरफ खाली पड़े 2 मंत्री पद के लिए मौजूदा वक्त में एक अनार-सौ बीमार वाली स्थिति है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि क्या मुख्यमंत्री साय आगामी निकाय चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार का रिस्क लेंगे ? या फिर लोकसभा चुनाव की तरह ही नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी का परचम लहराने के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार पर अंतिम और फाइनल मुहर लगेगी ?

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही राजनीतिक घटनाक्रमों पर गौर करे, तो सबसे पहले बृजमोहन अग्रवाल के मंत्रिमंडल से इस्तीफ की अटकलों ने सबका ध्यान खींचा। बृजमोहन अग्रवाल के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद अगले शिक्षा मंत्री को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर ब्यूरोक्रेंसी तक चर्चाओं का दौर सरगर्म रहा। सारे कयासों पर पूर्ण विराम लगने के बाद मौजूदा वक्त में साय सरकार के कैबिनेट में आज भी 2 मंत्री के पद रिक्त है। ऐसे में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुए मुलाकात के बाद एक बार फिर कयासों का दौर तेज हो गया। मुख्मयंत्री के दिल्ली से लौटते ही एक बार फिर ये चर्चाए तेज हो गयी कि केंद्र से दो मंत्रियों के नाम पर मुहर लगने के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री साय नामों का ऐलान कर देंगे।

लेकिन सियासी जानकारों की माने तो छत्तीसगढ़ कैबिनेट का विस्तार में अभी और वक्त लग सकता है। इसका पहला कारण साल के अंत में होने वाला नगरीय निकाय चुनाव है। वहीं दूसरा कारण मंत्री के दो पदों के लिए पूर्व मंत्रियों के साथ ही नये विधायक की दावेदारी है। कुल मिलाकर देखा जाये तो मंत्री पद को लेकर एक अनार और सौ बीमार वाली स्थित है। आपको बता दे कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर के साथ ही विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक गजेंद्र यादव के साथ ही बस्तर से पूर्व मंत्री लता उसेंडी प्रबल दावेदार है। ऐसे में यदि नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाता है, तो इसका सीधा असर आगामी निकाय चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है।

मंत्रिमंडल में जगह नही मिलने से नाराज पार्टी के वरिष्ठ नेता उस एनर्जी के साथ काम नही करेंगे, जैसे उनसे उम्मींद होगी। लिहाजा साय सरकार आगामी निकाय चुनाव की परीक्षा से पहले कैबिनेट विस्तार का रिस्क कभी भी नही लेना चाहेगी। बावजूद इसके सत्ता पक्ष और विपक्ष की निगाहे कैबिनेट विस्तार पर टक-टकी लगाये बैठे हुए है। पक्ष के सीनियर लीडर्स को जहां कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मींद है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष कैबिनेट विस्तार को लेकर सवालों के तीर दागने के लिए एक्शन मोड पर तैनात है। ऐसे में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कैबिनेट विस्तार पर अंतिम मुहर कब लगाते है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। लेकिन राजनीतिक गलियारे में पक्ष-विपक्ष के नेता इस मुद्दे को लेकर सुर्खियों में जरूर बने रहना चाहते है।

 

 

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